तमिलनाडु: बृहदेश्वर मंदिर की यात्रा में इन 5 गतिविधियों का लें आनंद
तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर को 'बड़ा मंदिर' भी कहा जाता है, जो भारतीय वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करता है। यह मंदिर चोल वंश के राजा चोल प्रथम द्वारा 11वीं सदी में बनवाया गया था। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की भव्यता इसे देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां की नक्काशी और मूर्तिकला अनोखी हैं, जो प्राचीन भारतीय कला और संस्कृति की झलक दिखाती हैं।
विशाल नंदी प्रतिमा का दर्शन करें
बृहदेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित विशाल नंदी प्रतिमा इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। यह प्रतिमा लगभग 6 मीटर लंबी और 3.7 मीटर ऊंची है, जो एक ही पत्थर से बनी हुई है। इसे देखकर आप इसकी भव्यता और शिल्पकला को निहारते ही रह जाएंगे। यहां आकर आपको प्राचीन भारतीय मूर्तिकला के अनोखे नमूने देखने को मिलेंगे, जो आपको प्राचीन कला की गहराई में ले जाएंगे।
गर्भगृह में भगवान शिव के दर्शन करें
मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की विशाल शिवलिंग रूपी प्रतिमा स्थापित है, जो लगभग 4 मीटर ऊंची है। इसे देखकर आप इसकी दिव्यता और पवित्रता का अनुभव कर सकते हैं। यहां पूजा-अर्चना करने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। गर्भगृह में प्रवेश करते ही आपको एक अनोखा आध्यात्मिक माहौल का अनुभव होगा, जो आपके मन को सुकून और शांति प्रदान करेगा।
दीवारों पर उकेरी गई कहानियों का आनंद लें
बृहदेश्वर मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कहानियां आपको प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति से रूबरू कराती हैं। इन दीवारों पर रामायण, महाभारत और अन्य पुराणों की कहानियां चित्रित हैं, जिन्हें देखकर आप अतीत की यात्रा पर निकल पड़ते हैं। ये चित्रण इतनी बारीकी से किए गए हैं कि इन्हें देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यहां की नक्काशी और मूर्तिकला प्राचीन भारतीय कला की उत्कृष्टता को दर्शाती है, जो आपको बेहतरीन अनुभव प्रदान करती है।
गोपुरम की ओर करें रुख
बृहदेश्वर मंदिर का गोपुरम या मुख्य द्वार भी अत्यंत आकर्षक है। यह लगभग 66 मीटर ऊंचा है और इसमें अनेक मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को दर्शाती हैं। इस गोपुरम को देखकर आप इसकी भव्यता और शिल्पकला की उत्कृष्टता को महसूस कर सकते हैं। गोपुरम की नक्काशी इतनी बारीकी से की गई है कि इसे देखकर आप प्राचीन भारतीय कला की गहराई में खो जाएंगे। यहां आकर आपको भारतीय वास्तुकला की अनोखी झलक देखने को मिलेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें
बृहदेश्वर मंदिर परिसर में समय-समय पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं, जिनमें भरतनाट्यम जैसे पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भाग लेकर आप तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू हो सकते हैं। इस प्रकार बृहदेश्वर मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है, जहां जाकर आपको भारतीय संस्कृति, कला एवं इतिहास के अनोखे पहलुओं से परिचित होने का अवसर मिलता है।