#NewsBytesExplainer: क्या है हिमाचल प्रदेश का क्रिप्टोकरेंसी घोटाला और कैसे हुई 2,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी?
हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस मामले में करीब एक लाख लोगों से 2,500 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। घोटाला सामने आने के बाद विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 4 पुलिसकर्मी और वनकर्मी भी शामिल हैं। आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
कैसे हुई शुरुआत?
ये पूरा घोटाला साल 2018 से 2022 के बीच हुआ है। ठगों ने लोगों को कोर्वियो कॉइन (KRO) और DGT कॉइन नामक फर्जी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का झांसा दिया। ठगों ने निवेशकों से कहा कि उन्हें अपने निवेश पर 11 प्रतिशत की दर से रिटर्न मिलेगा। धीरे-धीरे लोग इसके झांसे में आ गए। लोगों को निवेश के बदले डिजिटल आईडी दी जाती थी और कथित लाभ का पैसा नगद में दिया जाता था।
कैसे चलता था धोखेबाजी का धंधा?
रिपोर्ट के मुताबिक, धोखेबाजों ने 3 अलग-अलग तरह की टीम बना रखी थी, जिसका नेतृत्व मुख्य सरगना सुभाष शर्मा करता था। इसके नीचे वो लोग थे, जिन्होंने धोखाधड़ी की पूरी योजना बनाई थी। इसके बाद तीसरे नंबर पर टीम लीडर्स थे, जिनमें पुलिस अधिकारी, वन विभाग अधिकारी और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता शामिल थे। सबसे नीचे वो लोग थे, जिन्होंने खुद या रिश्तेदारों और परिजनों के नाम से निवेश किया था।
कितना बड़ा है घोटाला?
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब एक लाख लोगों ने 2,500 करोड़ रुपए इस योजना में निवेश किए थे। इनमें से करीब 5,000 सरकारी कर्मचारी हैं। पुलिस ने घोटाले में शामिल लगभग 2.5 लाख अलग-अलग आईडी वाली वेबसाइटों का पता लगाया है। पुलिस ने घोटाले से जुड़ी शिकायत के लिए अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर अब तक 300 से ज्यादा लोगों ने शिकायत की है। अनुमान है कि करीब 70 से 80 धोखेबाज इस घोटाले में शामिल हैं।
कौन है मुख्य आरोपी?
हिमाचल के मंडी का रहने वाला सुभाष घोटाले का मुख्य सरगना है, जो मई में दुबई भाग गया है। सुभाष इससे पहले कई निजी कंपनियों में मल्टी लेवल मार्केटिंग का काम कर चुका है। फिलहाल सुभाष पुलिस गिरफ्त से दूर है। इसके अलावा SIT ने अब तक 4 मुख्य आरोपियों- हेमराज, सुखदेव, पारस और गोबिंद को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि घोटाले से सुखदेव को 200 करोड़ और बाकी तीनों ने 150 करोड़ रुपए कमाए हैं।
मामले में अब तक पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
SIT ने अब तक 4 पुलिसकर्मी और एक वनरक्षक सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अब तक 12 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है, जिसमें मुख्य आरोपी की मंडी और जीरकपुर में 3 करोड़ की संपत्ति भी शामिल है। गिरफ्तार किए गए 4 पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर घोटाले से 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। पुलिस अब मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
लोगों ने मुआवजे की राशि भी योजना में लगाई
धोखेबाजों ने एजेंटों को थाईलैंड, दुबई और अन्य स्थानों की विदेश यात्राओं पर भेज लोगों को लालच दिया। इन यात्राओं पर 3.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए। कई लोगों ने सड़क परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत भूमि से मिली मुआवजा राशि को भी इस योजना में निवेश कर दिया। एजेंटों को ऐसे लोगों को फंसाने का लक्ष्य दिया गया। इनमें से ज्यादातर लोग हिमाचल के मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों के हैं।