आज से अपने आंदोलन को तेज करेंगे किसान, बंद किए जाएंगे दो बड़े एक्सप्रेसवे
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान आज से अपने विरोध प्रदर्शन को तेज करने जा रहे हैं और वे दो बड़े एक्सप्रेसवे समेत कई मार्गों को बंद करेंगे। उन्होंने सभी टोल नाकों को टोल फ्री करने का ऐलान किया है।
इसके अलावा कई राज्यों के किसान दिल्ली की तरफ कूच कर चुके हैं। स्थिति को बिगड़ने से संभालने के लिए बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है।
विरोध प्रदर्शन
जयपुर और आगरा से आने वाले एक्सप्रेसवे को बंद करेंगे किसान
पहले किसान 14 दिसंबर से अपने प्रदर्शन को तेज करने वाले थे, लेकिन केंद्र सरकार के साथ बातचीत में बात आगे न बढ़ने पर उन्होंने आज से ही प्रदर्शन को तेज करने का फैसला किया है।
आज वे जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को बंद करेंगे और 14 दिसंबर को इस प्रदर्शन को देशव्यापी रूप दिया जाएगा।
इसके अलावा तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली पहुंचने लगे हैं और बॉर्डर पर जमा होना शुरू हो गए हैं।
सुरक्षा इंतजाम
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर 3,500 पुलिसकर्मी तैनात
इतनी बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े को देखते हुए ट्रैफिक चालू रखने और टोल नाकों को सुरक्षित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अकेले फरीदाबाद में पांच टोल नाकाओं पर 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
थानेदारों और पुलिस रिजर्व बलों को भी तैनात किया जाएगा और पुलिसकर्मियों को दंगा-रोधी उपकरण दिए गए हैं।
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली में हिंसा की आशंका को देखते हुए कल बैठक की।
पृष्ठभूमि
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
बातचीत
किसानों और सरकार के बीच हो चुकी है पांच दौर की बैठक
इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से सड़कों पर हैं और 25 नवंबर से दिल्ली के आसपास डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बैठक भी हो चुकी है, हालांकि इनमें समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है।
सरकार ने किसानों को कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, हालांकि किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
जानकारी
मंत्री बोले- टुकड़े-टुकड़े गैंग ने हाइजैक किया आंदोलन
बुधवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच छठवें दौर की बैठक होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर इसे रद्द कर दिया गया। इस बीच कई केंद्रीय मंत्रियों ने "अल्ट्रा-लेफ्ट" और "टुकड़े-टुकड़े गैंग" के किसानों के आंदोलन को हाइजैक करने का आरोप भी लगाया है।