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उत्तर प्रदेश समेत 14 राज्यों के 200 टोल प्लाजा से करोड़ों रुपये का गबन, जानिए मामला
उत्तर प्रदेश समेत 14 राज्यों के टोल प्लाजा से 120 करोड़ का घोटाला

उत्तर प्रदेश समेत 14 राज्यों के 200 टोल प्लाजा से करोड़ों रुपये का गबन, जानिए मामला

लेखन गजेंद्र
Jan 24, 2025
12:38 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश समेत देश के 14 राज्यों के टोल प्लाजा पर अपना सॉफ्टवेयर लगाकर सरकार को चूना लगा रहे ठगी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (STF) ने धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड आलोक कुमार को मिर्जापुर से गिरफ्तार किया है। 35 वर्षीय आलोक सॉफ्टवेयर डेवलेपर है। उसके साथ 3 अन्य भी पकड़े गए हैं। गिरोह ने मिलकर 2 साल तक 14 राज्यों के 200 टोल प्लाजा से 120 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया है।

घोटाला

नेटवर्क कैसे करते थे घपला?

पुलिस ने बताया कि प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर डेवलपर आलोक ने अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल कर एक अवैध सॉफ्टवेयर बनाया, जो टोल संग्रह को गिरोह के सदस्यों द्वारा बनाए गए निजी बैंक खातों में भेजता था। आलोक का सॉफ्टवेयर उनको निशाना बनाता, जिनके पास फास्टैग नहीं या फिर फास्टैग में कम बैलेंस रखते थे, जिनसे दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता है। आलोक ने प्लाजा के प्रबंधकों और IT कर्मियों के साथ मिलकर टोल बूथ कम्प्यूटर पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था।

जांच

NHAI के खाते में नहीं जाती थी रकम

पुलिस ने बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से बिना फास्टैग या फिर कम बैलेंस वाले फास्टैग वाहनों से दोगुनी राशि वसूली जाती थी। इसमें 5 प्रतिशत राशि असली NHAI सॉफ्टवेयर से वसूलते थे, ताकि किसी को शक न हो, जबकि गैर-फास्टैग वाहनों से वसूली गई 50 प्रतिशत राशि NHAI को देना होता है। सॉफ्टवेयर से NHAI जैसी असली रसीद भी बनती थी। लेनदेन और विवरण की निगरानी आलोक करता था, जिसकी सॉफ्टवेयर तक पहुंच थी। रकम सभी में बंटती थी।

गड़बड़ी

उत्तर प्रदेश के 42 टोल प्लाजा में लगाई थी सेंध

आलोक ने पुलिस को बताया कि उसने देश के 14 राज्यों के 200 से अधिक टोल प्लाजा में सेंध लगाई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 42 टोल प्लाजा पर उसने सॉफ्टवेयर खुद लगाया था। इसके अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना में 1 से 4 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर लगाया था। अकेले मिर्जापुर के अतरैला टोल पर प्रतिदिन 45,000 और दो साल में 3.28 करोड़ का गबन हुआ है।

जानकारी

1 साल तक टोल प्लाजा पर किया था काम

पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड आलोक ने निजी विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (MCA) किया है। उसे अच्छी नौकरी नहीं मिली तो 2021 में 1 साल के लिए एक टोल प्लाजा पर काम किया। इसके बाद उसने धोखाधड़ी की योजना बनाई।