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अयोध्या: राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर लता मंगेशकर को किया जाएगा याद, गूंजेगी राम स्तुति
अयोध्या के राम मंदिर में गूंजेगी लता मंगेशकर की राम स्तुति

अयोध्या: राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर लता मंगेशकर को किया जाएगा याद, गूंजेगी राम स्तुति

लेखन गजेंद्र
Jan 09, 2025
06:14 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की पहली वर्षगांठ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस मौके पर श्री राम राग सेवा का आयोजन होगा, जिसमें लता मंगेशकर को याद किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि राग सेवा में श्रीराम के भजन, राग और कीर्तन की प्रस्तुति होगी। इसका शुभारंभ भारत रत्न दिवंगत लता मंगेशकर की रिकॉर्डेड अंतिम कंपोजिशन श्री राम स्तुति श्लोक से होगा। यह प्रस्तुति लता के प्रति आदर स्वरूप होगी।

कार्यक्रम

कार्यक्रम में और कौन होगा शामिल?

ट्र्स्ट ने बताया कि राग सेवा में देशभर से आए ख्यातिलब्ध कलाकारों तथा भक्तों को एक साथ जोड़ जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन राम मंदिर परिसर के कीर्तन मंडप में 11 से 13 जनवरी तक दोपहर 3 से शाम को 6 बजे तक होगा। इसमें लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर, राकेश चौरसिया, कलापिनी कोमकली, आनंद शंकर जयंत, साहित्य नाहर, संतोष नाहर, आरती अंकलिकर, मयूरेश पई, शैलेंद्र श्रीवास्तव, गौरी याडवडकर, शोभना नारायण और त्रिचूर ब्रदर्स की प्रस्तुति होगी।

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राम मंदिर के कार्यक्रम में आएंगे विशेष कलाकार

कार्यक्रम

11 जनवरी को होंगे विशेष कार्यक्रम

11 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' नाम दिया गया है। इस दिन मंदिर परिसर के ⁠यज्ञ मंडप में शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों से अग्निहोत्र सुबह 8-11 बजे और दोपहर 2-5 बजे के बीच 6 लाख श्रीराम मंत्र जाप, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा का पाठ होगा। राग सेवा के बाद बधाई गान 6 से 9 बजे होगा। यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल पर संगीतमय मानस पाठ होगा। अंगद टीला पर भी कार्यक्रम होंगे।

जुड़ाव

अयोध्या का लता मंगेशकर से क्या है कनेक्शन?

लता मंगेशकर का अयोध्या से कोई सीधा कनेक्शन तो नहीं, लेकिन यहां उनकी याद में लता मंगेशकर चौक बनाया गया है, जहां 40 फीट लंबी वीणा लगी है। इसका वजन 14 टन है। इसका उद्घाटन लता की 93वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। तब मोदी ने कहा था कि लता के राम पर गाए गीतों ने मंदिर स्थापना से पहले लोगों के मन में राम की प्रतिष्ठा कर दी थी।