पूजा खेडकर ने फर्जी दस्तावेज के आरोपों को नकारा, बोलीं- UPSC मुझे अयोग्य नहीं ठहरा सकता
पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर ने अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का भी खंडन किया है और नाम बदलने, दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने जैसे सभी आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने दावा किया है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के पास उन्हें अयोग्य ठहराने और कार्रवाई करने की कोई शक्ति नहीं है।
पूजा ने कहा- UPSC के पास कार्रवाई की शक्ति नहीं
अपने हलफनामे में पूजा ने कहा, "एक बार परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में चयनित और नियुक्त हो जाने पर अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने की UPSC की शक्ति समाप्त हो जाती है। अब मेरे खिलाफ केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1954 और CSE 2022 के प्रोबेशनर नियमों के तहत कार्रवाई कर सकता है।" बता दें कि इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में 29 अगस्त को सुनवाई होनी है।
पूजा ने फर्जी दस्तावेज के आरोपों को नकारा
पूजा ने कहा, "UPSC ने 2019, 2021 और 2022 में पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से मेरी पहचान सत्यापित की है। 26 मई, 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान आयोग द्वारा सभी दस्तावेजों को सत्यापित किया गया था। मैंने अपने नाम और प्रमाणपत्रों में विसंगतियों को ठीक करने के लिए हलफनामा और आधिकारिक राजपत्र भी प्रस्तुत किए और विकलांगता, जाति और पिता के नाम के डिक्लरेशन के लिए UPSC के अनुरोध का पालन किया।"
मेडिकल जांच से जुड़े आरोपों पर क्या बोलीं पूजा?
पूजा ने कहा, "DoPT के अनुसार AIIMS द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने मेरी मेडिकल जांच की है। मेडिकल बोर्ड ने मेरी दिव्यांगता को 47 प्रतिशत तक पाया है, जो जरूरी कोटे 40 प्रतिशत से अधिक है। मेरे द्वारा UPSC के समक्ष प्रस्तुत कोई भी दस्तावेज जाली या मनगढ़ंत नहीं हैं और सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं। मैंने UPSC को कोई भी गलत जानकारी मुहैया नहीं करायी है या धोखाधड़ी नहीं की है।"
पूजा पर क्या आरोप हैं?
पूजा पर आरक्षण का लाभ लेने के लिए UPSC को गलत जानिकारियां देने, अपनी उम्र और माता-पिता से जुड़ी जानकारी छिपाने, पहचान बदलकर निर्धारित सीमा से ज्यादा बार परीक्षा देने और नकली जाति और दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा कराने का आरोप है। इस मामले में UPSC ने पूजा की उम्मीदवारी रद्द कर दी है भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अपनी अयोग्यता को पूजा ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
कौन हैं पूजा खेडकर?
पूजा महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की IAS अधिकारी थीं। उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी। पूजा के पिता दिलीप खेडकर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) में आयुक्त रह चुके हैं। पूजा को पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिली थी। हालांकि, इस दौरान वे अलग केबिन, चपरासी और दूसरी खास मांगों को लेकर विवादों में घिर गईं। उन्होंने अपनी निजी गाड़ी पर नीली बत्ती भी लगवा ली थी।