दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर नीति लाने के लिए सरकार ने कोर्ट से मांगा समय
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर नीति बनाने के लिए और समय की मांग की है। सरकार का कहना है कि यह मामला पेचीदा है और दवाओं की बिक्री में किसी भी तरह के बदलाव के दूरगामी प्रभाव होंगे। इस पर कोर्ट ने परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय को 4 महीने का समय देते हुए कहा कि यह नीति बनाने का आखिरी मौका है।
याचिकाकर्ताओं ने की बिक्री पर रोक की मांग
दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को कहा कि अगर अगली सुनवाई तक मसौदा नीति तैयार नहीं हुई तो अदालत के पास मामले में आगे बढ़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। दरअसल, कोर्ट उन कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें दवाओं की 'अवैध' ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई है और मंत्रालय की तरफ से ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स में बदलाव के नियमों को चुनौती दी गई है।
8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ताओं ने 2018 में सरकार की तरफ से लाई गई एक अधिसूचना को चुनौती दी है। इनका कहना है कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री 'दवा महामारी' का कारण बन सकती है और इससे लोग नशीली दवाओं के आदी बन सकते हैं। हालिया सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में 5 साल से अधिक का समय बीत चुका है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई है।