हाथरस भगदड़ में 123 मौतों के मामले में भोले बाबा निर्दोष, पुलिस और आयोजक दोषी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में पिछले साल भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि (सूरजपाल) के सत्संग में हुई भगदड़ के मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आ गई है।
आयोग ने प्रदेश सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में 123 मौतों के लिए भोले बाबा को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है बल्कि पुलिस-प्रशासन और आयोजकों की चूक मानी गई है।
रिपोर्ट को कैबिनेट में पेश किया गया है, जिसे विधानसभा में रखने की मंजूरी दे दी गई है।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में क्या बताई गई है भगदड़ की वजह?
आयोग ने रिपोर्ट में बताया कि आयोजकों ने सत्संग से पहले सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था। जांच में बताया गया कि भगदड़ के लिए बाबा दोषी नहीं है बल्कि कुप्रबंधन और अव्यवस्था की वजह से हादसा हुआ था।
रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस ने जिम्मेदारी से अपना काम नहीं किया और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था न होने से भगदड़ में लोग दब गए।
आयोग ने कहा कि आयोजकों ने निर्धारि अनुमति शर्तों का पालन नहीं किया।
आयोग
आयोग ने भविष्य के लिए दिए सुझाव
आयोग ने कहा कि अगर पुलिस-प्रशासन की टीम सतर्क होती और आयोजकों ने भीड़ नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय किये होते तो हादसा नहीं होता। आयोजकों की लापरवाही हादसे का मुख्य कारण है।
आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव दिया है कि किसी बड़े आयोजन से पहले पुलिस अधिकारी के व्यक्तिगत निरीक्षण को अनिवार्य बनाया जाए।
साथ ही आयोजकों से अनुमति शर्तों का सख्ती से पालन कराया जाए और भीड़ नियंत्रण के विशेष इंतजाम हो।
हादसा
भगदड़ में हुई थी 123 लोगों की मौत
पिछले साल 2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई थी।
बताया जाता है कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े। इस दौरान आयोजकों की लापरवाही से भगदड़ मची और कुचलने से 123 लोगों की मौत हो गई।
घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है।
जानकारी
न्यायिक जांच आयोग की टीम में 3 लोग थे शामिल
न्यायिक जांच आयोग की टीम में 3 लोग शामिल हैं, जिसमें हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त और पूर्व लोकायुक्त सचिव बृजेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त IPS अधिकारी और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त IAS और राज्यपाल के पूर्व प्रमुख सचिव हेमंत राव हैं।
जांच
SIT भी दे चुकी है बाबा को क्लीन चिट
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट से पहले भगदड़ मामले में पुलिस 3,200 पेज का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है, जिसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
आरोपपत्र में बाबा का नाम नहीं शामिल है। विशेष जांच टीम (SIT) ने भी अपनी रिपोर्ट में बाबा को क्लीनचिट दी है और 6 अधिकारियों को लापरवाह बताया है।
अक्टूबर में न्यायिक आयोग ने बाबा को नोटिस भेजकर बयान दर्ज करने को लखनऊ बुलाया था। तब विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।