हाथरस हादसा: 'भोले बाबा' ने कोरोना के दौरान भी किया था कार्यक्रम, आए थे 50,000 श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश के हाथरस में जिस भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ से 121 लोग मरे हैं, उन्होंने कोरोना महामारी के दौर में भी नियमों का पालन नहीं किया था। NDTV के मुताबिक, स्वयंभू बाबा ने 2022 में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में इसी तरह के सत्संग का आयोजन किया था, जबकि उस समय कोरोना वायरस के मामले चरम पर थे। जिला प्रशासन ने उस समय भी उनको शर्तों के साथ आयोजन की अनुमति दी थी।
50 लोगों की अनुमति, लेकिन पहुंचे थे 50,000 लोग
रिपोर्ट के मुताबिक, फर्रुखाबाद में सत्संग के लिए जिला प्रशासन ने सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन बाबा ने नियमों और शर्तों की धज्जियां उड़ा दी। उनके सत्संग में 50,000 से अधिक लोग पहुंचे थे। इस दौरान सत्संग स्थल के पास यातायात प्रभावित हुआ था और जाम लग गया था। उस समय जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ इस संबंध में क्या कार्रवाई की थी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
हाथरस हादसे में मारे गए हैं 121 लोग
मंगलवार को सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई। चश्मदीदों ने बताया कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े, जिसे काबू करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गईं और तभी हादसा हुआ। भगदड़ में कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं अधिक हैं। प्राथमिकी में बाबा का नाम नहीं है और पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।