
यूनेस्को की विश्व धरोहर में भारत के 6 और केंद्र शामिल, जानिए प्रमुख स्थलों के नाम
क्या है खबर?
यूनेस्को की विश्व धरोहर में 6 और स्थानों को शामिल किया गया है, जिनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भारत में बड़ा महत्व है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि इन 6 स्थानों को यूनेस्को की विश्व विरासत केंद्र की भारत की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही यूनेस्को की विश्व धरोहर में भारत के अब 62 स्थल अस्थायी सूची में शामिल हो गए हैं।
धरोहर
कौन-कौन सी धरोहर हुई शामिल?
लोकसभा में बोलते हुए शेखावत ने बताया कि यूनेस्को की सूची में तेलंगाना में मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलों के महल-किले, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्त कालीन मंदिर शामिल हैं।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और मौर्य मार्गों के किनारे अशोक शिलालेख स्थल को भी शामिल किया गया है।
यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने बयान में बताया था कि 6 नए स्थलों को 7 मार्च को सूची में जोड़ा गया है।
लाभ
क्या होगा लाभ?
यूनेस्को में किसी ऐतिहासिक या सांस्कृति धरोहर के शामिल होने पर उसे कई प्रकार के लाभ मिलते हैं, जिसमें वैश्विक मान्यता के अलावा वित्तीय सहायता भी शामिल हैं।
अगर किसी संपत्ति को भविष्य में विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया जाना है तो उसे विश्व धरोहर केंद्र की अस्थायी सूची में शामिल होना जरूरी है।
अस्थायी सूची में शामिल भारत के 62 केंद्रों पर प्रत्येक देश यूनेस्को नामांकन के लिए विचार करना चाहता है।