नौकरी के बदले पैसा मामला: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
तमिलनाडु में नौकरी के बदले पैसा लेने के मामले में जेल में बंद पूर्व बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। बालाजी के वकील एनआर एलांगो ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है, जिसमें उन्हें सप्ताह में 2 बार (गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों के समक्ष) उपस्थित होना होगा, साक्ष्यों या गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी और अपना पासपोर्ट जमा करना होगा।
2 बार रद्द हो चुकी थी जमानत
सेंथिल बालाजी की जमानत याचिकाएं मद्रास हाई कोर्ट द्वारा 2 बार खारिज की जा चुकी है, जिसमें एक याचिका फरवरी में खारिज हुई थी। इसके अलावा 3 बार ट्रायल कोर्ट ने भी जमानत याचिका खारिज की थी। बालाजी की रिहाई पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक्स पर उनकी रिहाई का स्वागत किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बालाजी को मंत्रिमंडल में लिया जाएगा या नहीं।
बालाजी पर क्या है आरोप?
ये मामला साल 2011 से 2015 के बीच का है, जब राज्य में जयललिता के नेतृत्व वाली AIADMK की सरकार थी। उस वक्त बालाजी सरकार में परिवहन मंत्री थे। आरोप है कि राज्य परिवहन विभाग में नियुक्ति के इच्छुक उम्मीदवारों से बालाजी ने नौकरी देने के बदले रिश्वत ली थी। मामले में मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC) के एक कर्मचारी ने 2018 में मद्रास हाई कोर्ट में उनके खिलाफ एक याचिका दायर की थी।
जून 2023 से जेल में बंद हैं बालाजी
जुलाई, 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बालाजी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था और अपनी जांच शुरू कर दी। इसके बाद उनके आवास, कार्यालय, तमिलनाडु सचिवालय और रिश्तेदारों को घरों पर छापा मारा गया। जून 2023 में कई घंटों की पूछताछ के बाद ED ने उनको गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद बालाजी ने सीने में दर्द शिकायत बताई, जिसके बाद चेन्नई के अस्पताल ने उनको बाईपास सर्जरी की सलाह दी।
2018 में DMK में शामिल हुए थे बालाजी
2016 में जयललिता की मौत के बाद बालाजी ने AIADMK में चली वर्चस्व की लड़ाई के बीच पार्टी का साथ छोड़ दिया और दिसंबर, 2018 में एमके स्टालिन की मौजूदगी में DMK में शामिल हो गए। 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में बालाजी ने जीत दर्ज की। उन्हें स्टालिन की सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और ऊर्जा और आबकारी जैसे अहम विभाग सौंपे गए। बालाजी को पश्चिमी तमिलनाडु के प्रभावी नेताओं में से एक माना जाता है।