सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटे से प्रवेश को धोखाधड़ी बताया, क्या है मामला?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में अनिवासी भारतीय (NRI) कोटे से प्रवेश को धोखाधड़ी बताया है। कोर्ट ने कहा कि इसे बंद कर देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी पंजाब सरकार द्वारा NRI कोटे की परिभाषा को व्यापक बनाने वाली अधिसूचना को रद्द करते हुए की।
साथ ही कोर्ट ने अधिसूचना को रद्द करने के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के आदेश को सही बताया और कहा कि ऐसी धोखाधड़ी को समाप्त करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इसके कुछ हानिकारक परिणाम है, जिसमें उम्मीदवारों के 3 गुना अंक होने के बाद भी उनको दाखिला नहीं मिलेगा, कोर्ट इसका समर्थन नहीं करता।
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने कहा कि आवेदन करने वाले सभी भारत के हैं और वे सिर्फ चाचा, ताऊ, चाची जैसे रिश्तेदार हैं।
विवाद
क्या है मामला?
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने 20 अगस्त को अधिसूचना जारी कर NRI उम्मीदवार की परिभाषा को व्यापक बनाकर MBBS में दाखिले के लिए NRI के रिश्तेदारों को पात्र बनाया था।
मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और इसे "संभावित दुरुपयोग का द्वार" बताया। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
बता दें, पंजाब के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में NRI कोटे की लगभग 185 सीटें हैं।