
पेगासस जासूसी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- देश में स्पाईवेयर का उपयोग गलत नहीं
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पेगासस जासूसी मामले में बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में स्पाईवेयर का उपयोग गलत नहीं हैं।
कोर्ट ने तकनीकी पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर रोक लगाते हुए कहा कि देश की "सुरक्षा और संप्रभुता" से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन कोटिश्वर की पीठ ने यह फैसला इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के इस्तेमाल की जांच की मांग करने वाली एक समूह की याचिकाओं पर सुनाया।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
बार एंड बेंच के मुताबिक, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, "अगर देश स्पाइवेयर का उपयोग कर रहा है तो इसमें क्या गलत है? स्पाइवेयर का होना, कुछ भी गलत नहीं। इसका उपयोग किसके खिलाफ किया जा रहा है, ये सवाल है। हम देश की सुरक्षा से समझौता या बलिदान नहीं कर सकते हैं।"
कोर्ट ने कहा कि उसे तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है, ये जांचना होगा।
रिपोर्ट
रिपोर्ट को छुआ नहीं जाएगा- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट को नहीं छुआ जाएगा, लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया है, उन्हें सूचित किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा, "हां, व्यक्तिगत आशंकाओं को संबोधित किया जाना चाहिए, लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा के लिए दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता है।"
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथी तय की है।
विवाद
क्या है मामला?
वर्ष 2021 में एक पोर्टल ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने 2017 से 2019 के बीच भारत के 300 लोगों की पेगासस स्पाईवेयर के जरिए जासूसी की थी।
इसमें बड़े राजनीतिक नेता, व्यवासायी, पत्रकार, सामाजिक संगठन के लोग, वकील और विपक्ष के नेता शामिल थे।
मामला अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में जांच समिति बनाई। समिति ने 2022 में रिपोर्ट देकर बताया कि 29 फोन की जांच में पेगासस नहीं पाया गया।
तकनीक
क्या है पेगासस?
पेगासस सबसे उन्नत जासूसी सॉफ्टवेयर्स में से एक है, जिसे इजरायल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी NSO ग्रुप ने तैयार किया। ये केवल फोन नंबर से फोन हैक कर सकता है।
कंपनी केवल सरकारों को ही ये सॉफ्टवेयर बेचती है और 10 से ज्यादा देशों की सरकारें पेगासस का इस्तेमाल कर रही हैं।
भारत सरकार ने 2017 में इजरायल से एक रक्षा सौदे में पेगासस खरीदा था, जिसका खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया था।