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कौन है उत्तर प्रदेश की 8 वर्षीय बच्ची, जिसने बुलडोजर कार्रवाई पर कोर्ट का ध्यान खींचा?
कौन है उत्तर प्रदेश की 8 वर्षीय बच्ची, जिसने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान खींचा

कौन है उत्तर प्रदेश की 8 वर्षीय बच्ची, जिसने बुलडोजर कार्रवाई पर कोर्ट का ध्यान खींचा?

लेखन गजेंद्र
Apr 02, 2025
04:03 pm

क्या है खबर?

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक बच्ची बुलडोजर कार्रवाई के दौरान झोपड़ी से किताबें लेकर भाग रही है। अपनी किताबें बचाने में मशगूल उस 8 वर्षीय बच्ची को नहीं पता था कि उसका यह वीडियो सुप्रीम कोर्ट का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए वायरल वीडियो का जिक्र किया और तोड़फोड़ अभियान को अवैध-असंवेदनशील कहा। आइए, जानते हैं कौन है 8 वर्षीय बच्ची?

विवाद

पहले जानिए, किस संपत्ति को तोड़ने पहुंचा था बुलडोजर

21 मार्च को प्रयागराज के नगर निगम अधिकारियों ने अंबेडकरनगर के जलालपुर में गांव की जमीन पर कथित अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया था। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि तहसीलदार कोर्ट द्वारा निष्कासन आदेश के आधार पर यह तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी क्योंकि जमीन सरकारी संपत्ति में आती है। इन्हीं झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ते समय एक बच्ची अपने टूटते हुए घर से अपनी किताबें और स्कूल का बैग बचाकर भागती दिखी थी।

पहचान

कौन हैं 8 वर्षीय बच्ची?

गांव में रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची अनन्या यादव है, जिसके पिता अभिषेक दिहाड़ी मजदूर हैं। अनन्या प्राथमिक विद्यालय अराई की कक्षा 1 की छात्रा है। उसने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब वह स्कूल से लौटी तो अपना बैग छप्पर में रखा दिया था, जहां उनकी मां ने जानवरों को बांधा था। उसने बताया कि तोड़फोड़ के दौरान उसके बगल के छप्पर में आग लग गई, जिसके बाद उसे अपनी किताबों और बैग का ख्याल आया और लेने भागी।

कोशिश

मां ने की थी रोकने की कोशिश, लेकिन नहीं मानी अनन्या

अनन्या ने बताया कि जब वह किताबें और बैग लेने के लिए छप्पर की ओर भागी तो उसकी मां ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी और हाथ छुटाकर किताब लेने दौड़ गई। अनन्या ने बताया कि बैग में उसकी हिंदी, अंग्रेजी और गणित की किताबें थीं। उसका मानना ​​है कि किताबें उसे IAS अधिकारी बनने और देश की रक्षा करने के उसके सपने को पूरा करने में मदद करेंगी। बच्ची से कई राजनेता मिल चुके हैं।

कोर्ट

कोर्ट ने कड़ी आलोचना की

जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो न्यायमूर्ति एएस ओका और उज्जवल भुइयां की पीठ ने तोड़फोड़ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने कहा, "ये मामले हमारी अंतरात्मा को झकझोर देते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जहां अवैध रूप से तोड़फोड़ की जा रही है और प्रभावित लोगों के पास अपने घरों को बनाने की क्षमता नहीं है। आवासीय परिसरों को उचित प्रक्रिया के बिना बेरहमी से ध्वस्त कर दिया गया।"

ट्विटर पोस्ट

बच्ची का वीडियो अखिलेश यादव ने भी साझा किया