सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को पूरे देश की समस्या बताई, प्रदूषित शहरों की सूची मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वायु प्रदूषण को बड़ी समस्या बताते हुए इसकी सुनवाई को सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित न रखकर पूरे देश में बढ़ाने का फैसला लिया है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और मनमोहन की पीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची भी मांगी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली दूसरे शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) जैसी व्यवस्था हो सकती है?
गलत संदेश न जाए- सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है, इसलिए यह गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि कोर्ट को सिर्फ दिल्ली की चिंता है, अन्य राज्यों में ऐसी समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ठोस कचरे के निपटान से जुड़ी जानकारी उपलब्ध न कराने पर दिल्ली सरकार को फटकारा है। कोर्ट ने 19 दिसंबर को दिल्ली के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने को कहा है।
दिल्ली में फिर लागू हो गई GRAP-3 के तहत पाबंदियां
दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली होने पर वायु गुणवत्ता पैनल ने फिर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया है। इसमें 5वीं तक की स्कूलों को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) पर संचालित किया जाएगा। साथ ही BS-III वाले पेट्रोल वाहनों और BS-IV के डीजल वाहनों के दिल्ली-NCR में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। पूरे राज्य में तोड़फोड़ और निर्माण गतिविधियों पर भी रोक लागू की गई है।