बंद पड़ी जेट एयरवेज की परिसंपत्तियां नीलाम होगी, सुप्रीम कोर्ट ने स्वामित्व हस्तांतरण को नामंजूर किया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बंद पड़ी जेट एयरवेज के लिक्विडेशन का आदेश दिया है। यानी कंपनी की परिसंपत्तियां नीलाम होकर ऋणदाताओं को दी जाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय प्राधिकरण (NCLAT) के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें जेट एयरवेज के स्वामित्व को जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) को हस्तांतरित करने की अनुमति थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अजीबोगरीब और चिंताजनक परिस्थिति को देखते हुए लिक्विडेशन का आदेश देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया। समाधान योजना 5 साल तक लागू न होने पर कोर्ट ने फैसला दिया है। JKC की ओर से भुगतान की गई 200 करोड़ रुपये की राशि जब्त कर ली गई है। साथ ही कोर्ट ने NCLT की मुंबई पीठ को एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट के कारण 2019 में विमानों का परिचालन बंद कर दिया। इसके बाद दिवालिया समाधान योजना के तहत 2021 में JKC ने इसे बोली लगाकर खरीदा, लेकिन ऋणदाताओं ने विवाद शुरू कर दिया। मामले में NCLAT ने मार्च में समाधान योजना को बरकरार रख स्वामित्व JKC को सौंपने की मंजूरी दी और एयरवेज के ऋणदाताओं को कंसोर्टियम द्वारा जमा 150 करोड़ रुपये समायोजित करने को कहा। इस पर SBI समेत अन्य ऋणदाता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।