यौन उत्पीड़न के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- समझौतों पर रद्द नहीं हो सकता मामला
सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों पर गुरुवार को सख्ती दिखाते हुए इसे समझौतों के आधार पर रद्द करने पर नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता कराके मामला रद्द नहीं किया जा सकता। बता दें कि हाई कोर्ट ने आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता कराकर मामले को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने FIR और कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाने का आदेश दिया
कोर्ट ने कहा कि इस आपत्तिजनक आदेश को रद्द किया जाता है और अलग रखा जाता है। साथ ही उन्होंने मामले में FIR और आपराधिक कार्यवाही को कानून के अनुसार आगे बढ़ाने का आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि उसने मामले के गुण और दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह मामला एक अप्रभावित पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया था, जिसे पहले तो कोर्ट ने नकारा, लेकिन बाद में विचार करने का फैसला किया था।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में 15 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न को लेकर उसके पिता ने FIR दर्ज कराई थी। हालांकि, पीड़िता और आरोपी के परिवार के बीच समझौता हो गया तो आरोपी ने राजस्थान हाई कोर्ट में मामला रद्द करने की मांग की। हाई कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए मामला रद्द कर दिया। इसके बाद अप्रभावित पक्ष रामजी लाल बैरवा ने हाई कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इसी पर फैसला आया है।