Page Loader
सोलन इमारत हादसाः अब तक छह सैनिकों समेत सात लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री

सोलन इमारत हादसाः अब तक छह सैनिकों समेत सात लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री

Jul 15, 2019
11:15 am

क्या है खबर?

हिमाचल प्रदेश के सोलन में तीन मंजिला इमारत गिरने से दबकर मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है। राहत और बचाव अभियान में लगे अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मलबे से चार सैनिकों के शव और निकाले गए। इस इमारत में एक ढ़ाबा और गेस्ट हाउस बना था। रविवार दोपहर भारी बारिश के चलते यह इमारत ढ़ह गई। घटना के वक्त यहां असम राइफल्स के 30 JCO लंच कर रहे थे। आइये, इस बारे में विस्तार से जानें।

आशंका

अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं 12 लोग

नाहन-कुमारहटी रोड पर स्थित इस ढाबे में हादसे के वक्त 15 और लोग मौजूद थे। मृतकों में भारतीय सेना के छह जवान और ढाबा मालिक की पत्नी शामिल है। हादसे में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम राज किशोर, बलविंद्र सिंह, विनोद, अजीत कुमार, प्रदीप चंद और योगेश हैं। राहत और बचाव अभियान में लगे अधिकारियों के मुताबिक, अभी भी 12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। अभी तक 27 लोगों को बचाया जा चुका है।

ट्विटर पोस्ट

घटनास्थल के दौरे पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर

दौरा

राज्य के मुख्यमंत्री ने किया घटनास्थल का दौरा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल को दौरा किया। उन्होंने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि घटना के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हादसे की जांच की आदेश दे दिए गए हैं और अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक इमारत को नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया था। वहीं सोलन के डिप्टी कमिशनर केसी चमन ने कहा कि मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए अभियान जारी है।

जानकारी

2009 में बनी थी इमारत

चमन ने कहा कि जांच के बाद ही हादसे के पीछे के कारणों का पता चला पाएगा। इमारत को 2009 में बनाया गया था और हाल ही में नई मंजिल का निर्माण किया गया था। इमारत के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

हादसा

स्थानीय लोगों ने बताया सबसे भयानक हादसा

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इस इलाके का सबसे भयानक हादसा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ ही सेकंड में यह इमारत जमींदोज हो गई। सबसे पहले तीसरी मंजिल गिरी और उसके कुछ समय बाद पूरी इमारत ढह गई। इस इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल में मालिक का परिवार रहता था, दूसरी मंजिल पर ढाबा चलता था, पहली मंजिल को पैंट्री और ग्राउंड फ्लोर को स्टोर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।