उन्नाव रेप केस: ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर सात पुलिसकर्मी निलंबित
क्या है खबर?
उन्नाव रेप पीड़िता के अंतिम संस्कार के कुछ घंटों बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सात पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। रेप पीड़िता की मौत के संबंध में यह कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि उन्नाव के बिहार पुलिस थाने के SHO अजय कुमार त्रिपाठी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
रविवार को हुआ पीड़िता को अंतिम संस्कार
इससे पहले रविवार को भारी सुरक्षा के बीच उन्नाव रेप पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। पीड़िता ने शुक्रवार रात को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
अंतिम संस्कार
मुख्य सचिव से बात के बाद अंतिम संस्कार को राजी हुआ था परिवार
अंतिम संस्कार से पहले पीड़िता के परिजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़ गए। उनका कहना था कि योगी के आने से पहले वो पीड़िता का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
परिवार की मांग थी कि सरकार उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भरोसा दे। लखनऊ मंडल के आयुक्त मुकेश मेशराम और IG एसके भगत ने लगभग एक घंटे तक पीड़िता के पिता से बातचीत की।
इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार को राजी हुआ।
मामला
क्या था मामला?
24 वर्षीय युवती के साथ पिछले साल दिसंबर में रेप किया गया था। बीते गुरुवार को युवती मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी, तभी रास्ते में बेल पर छूटे रेप के आरोपी ने अन्यों के साथ मिलकर युवती पर केस वापस लेने का दवाब बनाया।
जब पीड़िता ने केस वापस लेने से मना कर दिया तो उन्होंने तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। इससे पीड़िता का शरीर 90 फीसदी झुलस गया।
मौत
दिल्ली के अस्पताल में तोड़ा दम
बुरी तरह झुलसने के बाद पीड़िता को दिल्ली से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार देर रात पीड़िता ने दम तोड़ दिया।
रविवार को पीड़िता के अंतिम संस्कार के समय उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति में पीड़िता के पिता ने मुख्य सचिव से फोन पर बात की। मुख्य सचिव ने परिवार की मांग माने जाने का आश्वासन दिया है।
आश्वासन
परिवार को आवास, एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन
वहीं लखनऊ मंडल के आयुक्त ने कहा कि पीड़िता के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "पीड़िता की बहन इस मामले में गवाह है और उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। अगर परिवार अपनी सुरक्षा के लिए किसी हथियार के लाइसेंस की मांग करता है तो कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस पर भी विचार किया जाएगा।"