ओडिशा सरकार का बड़ा ऐलान, आपातकाल में जेल गए लोगों को 20,000 रुपये महीना पेंशन मिलेगी
क्या है खबर?
ओडिशा की भाजपा सरकार ने सोमवार (13 जनवकरी) को आपातकाल के दौरान जेल गए राज्य के लोगों के लिए बड़ी घोषणा की है।
सरकार ने ऐसे लोगों को 20,000 रुपये महीना पेंशन और अन्य लाभ देने का ऐलान किया है। राज्य के गृह विभाग की ओर से इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत यह ऐलान किया है।
आइए जानते हैं सरकार पेंशन के साथ-साथ क्या अन्य सुविधाएं देगी।
अधिसूचना
गृह विभाग ने क्या जारी की है अधिसूचना?
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक देश में कांग्रेस की सरकार के दौरान लागू किए गए आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले सभी ओडिशावासियों को भारत रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत 20,000 रुपये महीना पेंशन देने का निर्णय किया है।
इसी तरह इन लोगों को संपूर्ण चिकित्सा खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करेगी। अधिसूचना के अनुसार, यह सुविधा 1 जनवरी, 2025 तक जीवीत सभी लोगों को मिलेगी।
घोषणा
मुख्यमंत्री माझी ने 2 जनवरी को किया था ऐलान
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गत 2 जनवरी को आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, भारत रक्षा नियम या भारत रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा नियम के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार और जेल में बंद लोगों के लिए मासिक पेंशन देने का प्रावधान घोषित किया था।
उन्होंने कहा था कि आपातकाल के दौरान राज्य के सैंकड़ों लोगों ने जेल जाकर कांग्रेस सरकार की यातनाएं झेली थी। ऐसे में अब राज्य सरकार उन्हें संबल प्रदान करेगी।
अन्य
मुख्यमंत्री माझी ने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी की थी घोषणा
मुख्यमंत्री माझी ने अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए आपातकाल में जेल गए लोगों के अलावा, स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को 9,000 रुपये बढ़ाकर 15,000 रुपये करने का भी ऐलान किया था।
ऐसे में मुख्यमंत्री की दोनों घोषणाएं अब पूरी हो चुकी है। इससे राज्य के सभी स्वतंत्रता सेनानी और आपातकाल में जेल गए लोगों में खुशी की लहर है।
आपातकाल
इंदिरा गांधी ने की थी आपातकाल की घोषणा
बता दें कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आंतरिक अशांति और सुरक्षा की स्थिति का हवाला देकर आपातकाल की घोषणा की थी।
उस दौरान विरोध करने वाले हजारों लोगों को गिरफ्तार कर देश की विभिन्न जेलों में बंद कर दिया गया था। उसमें ओडिशा के भी सैकड़ों लोग शामिल थे।
यह आपातकाल 21 मार्च, 1977 तक रहा था। उस दौरान जेल में बंद लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।