अब आसान होगा घर का पता करना, डाक विभाग ला रहा यूनिक कोड

न्यू इंडिया में अब सब कुछ नया हो रहा है। इसी क्रम में डाक विभाग देश में डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) ला रहा है। यह आपके एड्रेस का आधार जैसा यूनिक कोड होगा। आने वाले समय में बिना एड्रेस फीड किये आपके कई सारे काम इस कोड की मदद से पूरे होंगे। पिन कोड की जगह लेने वाला यह डिजिटल एड्रेस कोड हर घर के लिए डिजिटल को-ऑर्डिनेट्स की तरह काम करेगा। इस कोड में डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे।
सरकार का डाक विभाग ऐसे DAC का निर्माण कर रहा है जिसमें हर एक मकान का अपना एक अलग कोड होगा। ये यूनिक कोड आधार कार्ड के नंबर जैसा ही होगा जो देश के हर नागरिक को उसके एड्रेस के हिसाब से मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर एक मकान में पांच फ्लैट हैं तो हर फ्लैट का अपना एक यूनिक कोड होगा जिससे हम आसानी से उस तक पहुंच सकेंगे।
डिजिटल एड्रेस कोड को बनाने के लिए देश के हर एक एड्रेस को आइडेंटिफाई किया जाएगा। इसके बाद इन्हें Geospatial Coordinates से लिंक कर दिया जाएगा। डाक विभाग ने कुछ दिन पहले डिजिटल एड्रेस कोड का ड्राफ्ट पेपर रिलीज किया था और इस पर लोगों की प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे गए थे। अप्रूवल मिलने के बाद देश के हर नागरिक को उसके गली-मोहल्ले से ही नहीं बल्कि यूनिक नंबर्स या अक्षरों से भी पहचाना जाएगा।
DAC कोड को आप टाइप करके इस्तेमाल कर सकेंगे या फिर आप QR कोड की तरह इसे स्कैन करके घर की सटीक लोकेशन हासिल कर पाएंगे। DAC के जरिए आप कहीं भी पहुंच सकेंगे। इसके लिए आपको एड्रेस फीड करने का भी झंझट नहीं करना पड़ेगा। इस कोड में आप डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे और जो सेवाएं डिजिटल मैप्स का इस्तेमाल नहीं करती, वहां आप पूरा पता लिख सकते हैं, बस इसमें पिनकोड की जगह DAC आएगा।
हर घर को यूनिक कोड मिलने के बाद आपको एड्रेस प्रूफ देने कि जरूरत नहीं पड़ेगी। जो भी प्लेटफॉर्म डिजिटल मैप के जरिये डिलीवरी करते हैं, उनके लिए आसानी होगी और वे DAC के जरिये सटीक पते पर सामान डिलीवर कर पाएंगे। आपको KYC के लिए बैंक, बीमा कंपनी के कार्यालय या अन्य जगहों पर जाना नहीं होगा। डिजिटल तरीके से ही e-KYC हो सकेगी। इससे जनगणना और जनसंख्या रजिस्टर को बनाने में भी मदद मिलेगी।