नोबेल समिति ने रविंद्रनाथ टैगोर के हस्तलिखित राष्ट्रगान "जन गण मन" का अनुवाद साझा किया
भारत में स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर नोबेल समिति ने अनोखी याद साझा की। उन्होंने कवि रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए राष्ट्रगान "जन गन मन" का अंग्रेजी में किए गए अनुवाद की प्रति की असली तस्वीर एक्स पर साझा की। समिति ने तस्वीर साझा कर लिखा, 'जन गण मन भारत का राष्ट्रगान है, जिसे मूल रूप से कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाली में लिखा था, जिन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।'
क्या लिखा है अनुवाद में?
भारत का प्रातःकालीन गीत शीर्षक से लिखे अनुवाद में लिखा है, "आप सभी के मन के शासक हैं, भारत के भाग्य के निर्माता हैं। आपका नाम पंजाब, सिंध, गुजरात और मराठा, द्रविड़, उड़ीसा और बंगाल के दिलों को झकझोर देता है। यह विंध्य और हिमालय की पहाड़ियों में गूंजता है, यमुना-गंगा के संगीत में मिल जाता है और हिंद महासागर की लहरों द्वारा गाया जाता है। वे आपके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और आपकी प्रशंसा गाते हैं।"
रविंद्रनाथ टैगोर का लिखा पत्र
1911 में बांग्ला भाषा में लिखा था राष्ट्रगार
भारत के पहले नोबेल विजेता टैगोर ने मूलरूप से 11 दिसंबर, 1911 को बंगाली में "भरोतो भाग्यो बिधाता" के रूप में भजन लिखा। इस गीत के 5 छंदों में पहले छंद को भारतीय संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया।