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    स्वतंत्रता दिवस 2019: जानिए भारत की शान तिरंगे से जुड़े कुछ नियम और कानून

    स्वतंत्रता दिवस 2019: जानिए भारत की शान तिरंगे से जुड़े कुछ नियम और कानून

    लेखन प्रदीप मौर्य
    Aug 14, 2019
    07:05 pm

    क्या है खबर?

    स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। 73 साल पहले 15 अगस्त, 1947 को भारत को अंग्रेज़ों से आज़ादी मिली थी, तब से हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

    15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री दिल्ली स्थित लाल क़िले पर तिरंगा झंडा फहराते हैं।

    तिरंगा देश की शान है, लेकिन कई लोग इसे फहराने के नियम और कानून से अनभिज्ञ है।

    यहाँ जानिए तिरंगा फहराने से जुड़े नियम और कानून।

    जानकारी

    नियमों का उलंघन करने पर हो सकती है कानूनी कार्यवाई

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर कोई भी तिरंगा फहराने के नियम और कानून का उलंघन करता है, तो उसके ख़िलाफ़ कार्यवाई भी हो सकती है। इसलिए, तिरंगा फहराने से पहले सभी नियम-कानून अच्छे से जान लें।

    नियम 1

    सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जाता है तिरंगा

    तिरंगा हमेशा सूर्योदय के बाद फहराया जाता है और सूर्यास्त से पहले उसे उतार लिया जाता है।

    इसके अलावा तिरंगे को कभी भी झुकाया नहीं जाता है और न ही ज़मीन पर रखा जाता है।

    आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।

    तिरंगा झंडा देश की आन-बान और शान है, इसलिए उसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुँचाया जाता है और न ही उसे पानी में डुबोया जाता है।

    जानकारी

    तिरंगे का अपमान करने या नुकसान पहुँचाने पर हो सकती है तीन साल की सज़ा

    अगर कोई व्यक्ति गलती से या जानबूझकर तिरंगे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुँचाने की कोशिश के अलावा मौखिक या शाब्दिक रूप से इसका अपमान करता है, तो उसे तीन साल तक सज़ा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।

    नियम 3

    कहाँ लगाना है, इस भर भी निर्भर करता है तिरंगे का आकार

    तिरंगे का आकार, आयताकार होना चाहिए और इसकी लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।

    तिरंगे का आकार इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसे कहाँ पर फहराना है।

    किसी VVIP व्यक्ति को ले जाने वाले विमानों पर 45X300 मिमी आकार के झंडे का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जबकि 225X150 मिमी का झंडा उनकी कारों पर लगाया जाना चाहिए। वहीं, VVIP व्यक्ति के ऑफ़िस में मेज़ पर 150X100 मिमी का तिरंगा लगा होना चाहिए।

    नियम 4

    आम नागरिकों को करना होता है 1950 और 1971 के कानून के अनुसार झंडे का सम्मान

    तिरंगा झंडा बनाने के लिए हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए धागे, ऊन, सिल्क या खादी के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है।

    भारत के आम नागरिकों, शैक्षिक संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों को भी तिरंगा फहराने की अनुमति होती है, लेकिन उन्हें 1950 और 1971 के कानून के अनुसार झंडे का सम्मान करना होता है। ऐसा न करने पर उनके ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाई करने का प्रावधान भी है।

    जानकारी

    अंडरगार्मेंट या कपड़े के तौर पर नहीं करना चाहिए तिरंगे का इस्तेमाल

    अमेरिका और इंग्लैंड में भले ही यह आम बात हो कि वहाँ के राष्ट्रीय ध्वज के अंडरगार्मेंट पहने जाते हैं, लेकिन भारत में ऐसा करना कानून अपराध माना जाता है। इसलिए, तिरंगे झंडे का कपड़ा बनाकर पहनने के बारे में भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए।

    नियम 6

    अपने आस-पास की सबसे ऊँची जगह पर फहराना चाहिए तिरंगा

    केसरिया रंग को नीचे की तरफ़ करके तिरंगा फहराना गलत होता है।

    इसके साथ ही तिरंगे को हमेशा अपने पास की सबसे ऊँची जगह पर फहराना चाहिए।

    भूलकर भी तिरंगे का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज़ ढँकने या मंच को सजाने के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से तिरंगे का अपमान होता है।

    इसके अलावा तिरंगे का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों जैसे विज्ञापन, अधिसूचना या अभिलेख के लिए करना भी अपराध माना जाता है।

    नियम 7

    फटने या गंदा होने पर नष्ट कर दें तिरंगा

    भूलकर भी फटा या मैला-कुचला तिरंगा नहीं फहराना चाहिए। अगर तिरंगा फट जाए या मैला हो जाए, तो उसे किसी एकांत जगह पर ले जाकर जला देना चाहिए या किसी अन्य तरह से नष्ट कर देना चाहिए।

    इससे उसकी गरिमा बनी रहती है। तिरंगे को किसी पवित्र नदी में जल समाधि भी दी जा सकती है।

    तिरंगे से जुड़े इन नियमों का पालन करके आप देश की आन-बान और शान की रक्षा कर सकते हैं।

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