विवादित बयान पर मेनका गांधी को नोटिस, तीन दिन में देना होगा जवाब
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुल्तानपुर में विवादित भाषण देकर मुश्किलों में फंस गई हैं। एक सभा को संबोधित करते हुए मेनका ने कहा था कि अगर मुसलमान उन्हें वोट नहीं देंगे और चुनाव के बाद काम करवाने उनके पास जाएंगे तो उन्हें सोचना पड़ेगा। उनके इस बयान को लेकर सुल्तानपुर के जिलाधिकारी और अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी बीआर तिवारी ने नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब तलब किया है। चुनाव आयोग भी इस मामले में नजर बनाए हुए है।
मेनका गांधी को नोटिस
क्या था मेनका गांधी का बयान
मेनका गांधी ने सुल्तानपुर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं जीत रही हूं। लोगों की मदद और प्यार से मैं जीत रही हूं, लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा। क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने दो, क्या फर्क पड़ता है।"
"अब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी"
अपने भाषण में मेनका आगे कहती हैं, "आपको लगे कि कल आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी। ये इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं। अब आपको मेरी ज़रूरत पड़ेगी। अब आपको जरूरत के लिए नींव डालनी है तो यही वक्त है।" उन्होंने कहा, "जब आपके पॉलिंग बूथ का नतीजा आएगा और उस नतीजे में 100 वोट निकलेंगे या 50 वोट निकलेंगे और उसके बाद जब आप काम के लिए आएंगे तो वही होगा मेरा साथ...''
यहां सुनिये मेनका गांधी का विवादित भाषण
विवाद बढ़ने पर दी सफाई
अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद मेनका गांधी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को काट-छांटकर पेश किया गया है। उन्होने कहा, "मैंने खुद अपने अल्पसंख्यक सेल की एक मीटिंग बुलाई थी। आप सभी जानते हैं कि इतने सालों में अल्पसंख्यक लोगों को बहुत चाहती हूं। अगर आप मेरा पूरा भाषण देखें तो जिस भी चैनल से सिर्फ एक वाक्य निकाला है वह आधा-अधूरा है।" उन्होंने कहा कि उनका पूरा भाषण प्यार भरा था।
मेनका गांधी ने विवादित बयान पर दी सफाई
बेटे वरुण गांधी के साथ बदली गई हैं मेनका की सीट
मेनका गांधी फिलहाल पीलीभीत से सांसद है, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। यहां से उनके बेटे वरुण गांधी सांसद हैं, जिन्हें इस बार पीलीभीत से चुनावी मैदान में उतारा गया है।