फोन टैपिंग डाटा लीक मामला: मुंबई पुलिस ने CBI निदेशक सुबोध जायसवाल को किया तलब
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को समन भेजा है। उन्हें फोन टैपिंग और डाटा लीक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। राजनीतिक हंगामे का कारण बने इस मामले की बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। मुंबई पुलिस ने बताया कि ईमेल के जरिये भेजे गए समन में जायसवाल को अगले मंगलवार यानी 14 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।
क्या है मामला?
यह मामला IPS अधिकारी रश्मी शुक्ला की तैयार की गई एक रिपोर्ट के लीक होने से जुड़ा है। राज्य के खुफिया विभाग की प्रमुख रहते हुए उन्होंने यह रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें महाराष्ट्र पुलिस के तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। जायसवाल उस वक्त महाराष्ट्र पुलिस के DGP थे। आरोप है कि इसकी जांच के समय गैरकानूनी तरीके से वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के फोन टैप किए गए और यह रिपोर्ट जानबूझकर लीक की गई थी।
देवेंद्र फडणवीस ने साधा था सरकार पर निशाना
इसी साल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर निशाना साधा था। उन्होंने रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में तबादले और पोस्टिंग रैकेट चल रहा है और बड़े नेता और अधिकारी इसमें शामिल हैं। रश्मि शुक्ला ने अपनी रिपोर्ट में कई बड़े अधिकारियों के इस रैकेट में शामिल होने और सबूत के तौर पर फोन रिकॉर्डिंग होने का दावा किया था।
ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दर्ज हुआ है मामला
रिपोर्ट लीक होने के मामले में बांद्रा कुर्ला स्थित साइबर सेल विभाग ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, इसमें रश्मि शुक्ला या किसी दूसरे अधिकारी का नाम शामिल नहीं है। 1988 बैच की IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला ने रिपोर्ट में लिखा था कि पोस्टिंग और ट्रांसफर रैकेट के तार राज्य के कुछ नेताओं से जुड़े हैं। शुक्ला फिलहाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सहायक महानिदेशक हैं।
मई में CBI प्रमुख बने थे जायसवाल
मौजूदा CBI निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने से पहले महाराष्ट्र पुलिस के प्रमुख थे। उन्हें मई में दो साल के लिए CBI प्रमुख पद सौंपा गया था। साल 2018 में उन्हें मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया था और इसके बाद वो राज्य के पुलिस महानिदेशक बने थे। उन्होंने लगभग 10 साल तक खुफिया एजेंसियों रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) में काम किया है। वो महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड में भी रहे हैं।