दूसरे संक्रमण से ग्रसित 56 प्रतिशत कोरोना मरीजों की हुई मौत- ICMR स्टडी
भारत आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) की एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों को कोई दूसरा संक्रमण हुआ, उनमें से आधे से अधिक को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस स्टडी में सामने आया कि कोरोना वायरस के जिन मरीजों में इलाज के दौरान या इसके बाद बैक्टेरियल और फंगल संक्रमण हुआ, उनमें से 56.7 प्रतिशत की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर को खून या श्वसन तंत्र से संबंधित हुआ था।
कब हुई स्टडी और क्या रहे इसके नतीजे?
ICMR ने यह स्टडी देश के 10 बड़े अस्पतालों के ICU और वार्ड में भर्ती मरीजों पर जून, 2020 से अगस्त, 2020 के बीच की। जिन 17,534 मरीजों पर स्टडी की गई, उनमें से 3.6 प्रतिशत को कोरोना के इलाज या इसके बाद बैक्टेरियल या फंगल इंफेक्शन हुआ। इन मरीजों की मृत्यु दर 56.7 प्रतिशत रही। यह मृत्यु दर अस्पताल में भर्ती रहे कोरोना मरीजों की मृत्य दर के मुकाबले कई गुना अधिक है।
खून और श्वसन तंत्र का संक्रमण रहा सबसे आम
स्टडी के नतीजों में कहा गया है, "खून और श्वसन तंत्र कोविड-19 मरीजों में दूसरे संक्रमण की सबसे आम जगह रहीं। ग्राम-नेगेटिव रोगाणु सांस संबंधी संक्रमणों में सबसे अधिक थे, वहीं खून के संक्रमण में ग्राम-नेगेटिव रोगाणु ज्यादा थे।" इसमें यह भी सामने आया कि ऐसे रोगाणु जिन पर दवा काम नहीं करती, उन्होंने इन दूसरे संक्रमणों में अहम भूमिका अदा की। इन मरीजों के इलाज के लिए विशेष एंटी-बायोटिक दवाओं की जरूरत थी जो WHO की सूची में हैं।
अस्पतालों में दूसरे संक्रमण दर्शाते हैं खराब प्रैक्ट्रिस- ICMR
स्टडी के नतीजों में ICMR ने कहा है, "चूंकि हमारी स्टडी में ज्यातातर दूसरे संक्रमण नोसोकोमियल (अस्पताल में होने वाले) थे और वो भी ऐसे जिन पर दवा काम नहीं करती, ये संक्रमण को काबू में करने की खराब प्रैक्टिस और बिना सोचे-समझे एंटी-बायोटिक देने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।" ICMR ने कोविड-19 के मरीजों में ग्राम-नेगेटिव रोगाणुओं की उपस्थिति और उच्च गुणवत्ता की दवाओं के काम न करने की बात को बेहद चिंताजनक बताया है।
स्टेरॉयड के अत्यधिक इस्तेमाल से हो रही हैं कई समस्याएं
बता दें कि अभी भी ICMR और AIIMS प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया समेत तमाम विशेषज्ञ डॉक्टरों को मरीजों पर स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहे हैं। स्टेरॉयड के इस्तेमाल से मरीज का इम्युनिटी सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है और इस कारण अन्य बीमारियां उसे घेर लेती हैं। ब्लैक फंगस का भी एक मुख्य कारण यही है और डायबिटीज से ग्रसित मरीजों पर स्टेरॉयड के अत्यधिक इस्तेमाल से यह समस्या होती है।
देश में महामारी की क्या स्थिति?
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,86,364 नए मामले सामने आए और 3,660 मरीजों की मौत हुई। इस सप्ताह यह दूसरी बार है, जब दो लाख से कम दैनिक मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,75,55,457 हो गई है। इनमें से 3,18,895 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 23,43,152 रह गई है।