मध्य प्रदेश: भीड़ पर मुस्लिम परिवार को पीटने और गांव छोड़ने की धमकी देने का आरोप
मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार रात को 100 लोगों से अधिक की भीड़ ने एक मुस्लिम परिवार की पिटाई की और उन्हें चेतावनी देते हुए घर खाली करके गांव छोड़ने को कहा। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि शनिवार तक गांव न छोड़ने के कारण भीड़ ने उन्हें पीटा और जय श्री राम के नारे लगाए। वहीं पुलिस ने इसे पैसे का विवाद बताया है। दोनों पक्षों के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
दो साल पहले गांव आया था पीड़ित परिवार
मामला इंदौर की कंपेल ग्राम पंचायत का है। लोहार का काम करने वाला गयासुद्दीन परिवार दो साल पहले यहां आकर रहने लगा था और ट्रॉली और अन्य कृषि सामान बनाकर अपना गुजारा करता था। 46 वर्षीय फारुख गयासुद्दीन परिवार के मुखिया हैं। परिवार का आरोप है कि आरोपी समूह ने लगभग एक महीने पहले उन्हें गांव छोड़ने को कहा था और ऐसा न करने पर शनिवार को उनकी पिटाई की गई।
परिवार का आरोप- भीड़ ने रॉड से पीटा
फारुख के बेटे शाहरुख गयासुद्दीन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "वे (भीड़) घर में घुस आए और पास पड़ी रॉडों से हमें पीटने लगे। उन्होंने मेरे पिता को बार-बार मारा और जब मैंने चाचा ने दखल दिया तो उन्हें भी पीटा गया।" वहीं शाहरुख की बहन फौजिया ने बताया, "ये लोग कई गाड़ियों में आए और जब मैंने घटना का वीडियो बनाने का प्रयास किया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींचा और मेरे फोन को तोड़ दिया।"
25 मिनट चला पूरा घटनाक्रम
ये पूरा घटनाक्रम लगभग 25 मिनट चला और फिर भीड़ मौके से चली गई। इसके बाद पीड़ित परिवार खुदेल पुलिस स्टेशन पहुंचा जहां से उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल भेजा गया। मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है।
परिवार के प्लॉट खरीदने की कोशिश के कारण नाराज थे आरोपी- शाहरूख
शाहरूख ने बताया कि आरोपियों ने पहले भी परिवार को गांव छोड़ने को कहा था और सरपंच के आश्वासन के बाद वे गांव में रुके थे। उन्होंने कहा, "जब पिछले महीने वो आए थे तो उन्हें पता था कि हम अपने घर के पास एक प्लॉट खरीदने वाले हैं। उन्हें ये पंसद नहीं आया और कहा कि हम अपने जैसे बाकियों को यहां लाकर बसाएंगे। उनकी धमकी के बाद हमने सौदा रद्द कर दिया, लेकिन घऱ खाली नहीं किया।"
पुलिस ने बताया पैसे का विवाद
परिवार के दावों के विपरीत पुलिस ने पूरे मामले को पैसे का विवाद बताया है। सब-इंस्पेक्टर विश्वजीत तोमर ने अखबार से कहा, "दूसरे समूह ने गयासुद्दीन परिवार को ट्रॉली बनाने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन न उन्होंने ट्रॉली बनाई और न ही पैसे वापस किए। प्रथमदृष्टया इसी कारण घटन हुई और दोनों समूह टकरा गए।" आरोपियों की पिछली धमकी के बारे में तोमर ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई।
100 नहीं नौ लोगों ने की पिटाई- पुलिस
तोमर ने 100 लोगों की भीड़ के उनकी पिटाई करने के परिवार के दावों को भी खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पिटाई में केवल नौ लोग शामिल थे और बाकी घर के आसपास जमा हुई भीड़ का हिस्सा थे।