IS और TRF से संबंधित मामलों में NIA ने जम्मू-कश्मीर की 16 जगहों पर मारे छापे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज आतंकवाद से संबंधित दो मामलों में जम्मू-कश्मीर की 16 जगहों पर छापेमारी की। इनमें से एक मामला आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक गुट से संबंधित है जो हर महीने 'वॉइस ऑफ हिंद' नाम से एक कट्टर ऑनलाइन मैगजीन निकालता है। दूसरा मामला लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान आतंकी संगठन के संरक्षण वाले 'द रेजिस्टेंट फ्रंट' (TRF) से संबंधित है। इसके आतंकी के पास पांच किलोग्राम IED मिला था।
ISIS से संबंधित मामले में नौ जगहों पर छापे
IS से संबंधित मामले में NIA ने श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम और बारामूला की कुल नौ जगहों पर छापा मारा। इनमें आरिपोरा जेवन निवासी नयीम अहमद भट, बागी नंद सिंह निवासी मुश्ताक अहमद डार, सोलिना पयीन निवासी सुहैल अहमद भट और अंजीमार निवासी अफहान परवेज जराबी के घर भी शामिल रहे। इन लोगों के पास से कम से कम छह फोन और एक लैपटॉप जब्त किया गया और एक युवक को हिरासत में भी लिया गया है।
'वाइस ऑफ हिंद' के जरिए मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का आरोप
IS के इस गुट पर 'वॉइस ऑफ हिंद' नाम से ऑनलाइन मैगजीन निकाल कर कश्मीर के मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें IS के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप है। ये मैगजीन फरवरी, 2020 से चल रही है और 29 जून को इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। 11 जुलाई को भी NIA ने मामले में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में तलाशी ली थी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इस साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था मैगजीन का मुख्य संचालक
NIA के अनुसार, 'अबू हाजीर अल बद्री' IS की इस मैगजीन का प्रमुख संचालक था और इसका दक्षिण भारतीय भाषाओं में अनुवाद करता था। बाद में उसकी पहचान जुफरी जवाहर दामुदी के रूप में की गई थी और इसी साल 6 अगस्त को NIA और कर्नाटक पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में उसे गिरफ्तार किया था। जुफरी अदनान हसन दामुदी का छोटा भाई है जो खुद 2016 में IS संबंधित गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था।
TRF मामले में सात जगहों पर छापे
TRF से संबंधित मामले की बात करें तो इस संबंध में श्रीनगर, सोपोर और अनंतनाग की सात जगहों पर छापा मारा गया। ये छापा जम्मू के बठिंडी में लश्कर आतंकी के पास से पांच किलोग्राम IED बरामद किए जाने से संबंधित मामले में मारे गए हैं। इस IED की मदद से TRF और लश्कर आतंकी 27 जून को जम्मू के वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले से पहले जम्मू में धमाके करना चाहते थे।
कश्मीर में एक हफ्ते में हो चुकी है सात अल्पसंख्यकों की हत्या
बता दें कि ये छापे ऐसे समय पर मारे गए हैं जब कश्मीर में पिछले एक हफ्ते में सात अल्पसंख्यकों की हत्या की जा चुकी है। गुरूवार को ही आतंकियों ने श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल में घुसकर महिला सहित दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70), एक रेहड़ी लगाने वाला व्यवसायी और एक कैब ड्राइवर को गोली मारी थी। सभी पीड़ित हिंदू और सिख समुदायों से थे।