उप राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री मारग्रेट अल्वा होंगी विपक्ष की उम्मीदवार
विपक्षी पार्टियों ने अगले महीने होने वाले उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है। विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और गोवा की राज्यपाल रह चुकीं मारग्रेट अल्वा को अपना उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के घर हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने जगदीप धनखड़ को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
17 पार्टियों ने जताई उम्मीदवारी पर सहमति
अल्वा के नाम का ऐलान करते हुए शरद पवार ने कहा कि 17 विपक्षी पार्टियों ने उनकी उम्मीदवारी पर सहमति जताई है। पांच बार की सांसद रह चुकीं अल्वा केंद्र में मंत्री और राज्यपाल भी रह चुकी हैं। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अल्वा ने कहा कि उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामित होना उनके लिए गर्व की बात है। इस मौके पर उन्होंने विपक्षी पार्टियों को धन्यवाद दिया है।
इन पार्टियों के नेता हुए बैठक में शामिल
रविवार को हुई विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, DMK, शिवसेना, CPI, MDMK, तेलंगाना राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल आदि दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि बैठक में नहीं पहुंचे थे। इस पर पवार ने कहा कि ममता बनर्जी किसी कॉन्फ्रेंस में व्यस्त थीं और अरविंद केजरीवाल भी जल्द ही अल्वा के लिए अपने समर्थन का ऐलान करेंगे। उन्होंने यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन दे दिया है।
कल नामांकन दाखिल करेंगे जगदीप धनखड़
शनिवार को NDA ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। धनखड़ ने 1980 के दशक में जनता दल से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और 1989 में झुंझुनू सीट से लोकसभा सांसद चुने गए थे। वे 1990 में चंद्रशेखर सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रहे थे। कुछ साल कांग्रेस के साथ रहने के बाद वो 2008 में भाजपा में शामिल हुए थे। धनखड़ सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे।
कब है उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव?
6 अगस्त को उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और उसी दिन मतगणना होगी। मौजूदा उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है।
कैसे होता है उप राष्ट्रपति का चुनाव?
संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उप राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल प्रणाली से होता है। निर्वाचक मंडल में राज्यसभा और लोकसभा के सभी निर्वाचित और मनोनीत सदस्य होते हैं। दोनों सदनों के सदस्य संयुक्त बैठक में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के जरिए उप राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। यह मतदान गोपनीय होता है। निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत तथा लोकसभा के 543 सदस्य शामिल होते हैं।
कैसे होता है मतदान?
उप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान खास तरीके से होता है और इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। इसमें मतदाता को वोट तो एक ही देना होता है, मगर उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है। उन्हें बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और इसी तरह से आगे की प्राथमिकता देनी होती है। ऐसे में सर्वाधिक वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है।