उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर दोषी करार, कल सुनाई जाएगी सजा
उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव रेप में दोषी करार दिया गया है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को उन्हें दोषी करार दिया। मामले में सजा का ऐलान कल किया जाएगा। कोर्ट ने मामले में सेंगर के सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया है। शशि पर पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने से सेंगर के घर लाने का आरोप था जहां उसका रेप किया गया था।
इन धाराओं के तहत पाया गया सेंगर को दोषी
तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को IPC की धारा 376 के तहत रेप का दोषी करार दिया गया है। इसके अलावा उन्हें प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट की धारा 5(C) और धारा 6 के तहत दोषी पाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मामला 2017 का है। तब बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने उन्नाव स्थित अपने घर बुलाकर उसका रेप किया था। घटना की समय पीड़िता नाबालिग थी और उसकी उम्र 17 साल थी। पीड़ित परिवार ने एक साल तक न्याय के लिए संघर्ष किया, लेकिन हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद पीड़िता और उनकी मां ने योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी। तब सेंगर भाजपा में थे।
आत्मदाह की कोशिश के बाद राष्ट्रीय सुर्खियों में आया मामला
इस घटना के बाद मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया और सरकार पर सेंगर के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना। मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया, जिसने सेंगर को गिरफ्तार किया और अपनी जांच में उन पर लगे रेप के आरोपों को सही पाया। इस बीच मामला धीरे-धीरे सुर्खियों से गायब होता चला गया और न्याय के लिए पीड़ित परिवार का संघर्ष पहले की तरह ही जारी रहा।
काली नंबर प्लेट वाले ट्रक से हुई पीड़िता की गाड़ी की टक्कर
मामला दोबारा सुर्खियों में तब आया जब 28 जुलाई को रायबरेली में जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की गाड़ी की एक काली नंबर प्लेट वाले ट्रक से टक्कर हुई। इस टक्कर में पीड़िता के दो परिजन मारे गए और वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हुए। पीड़ित परिवार ने सेंगर पर जेल से ही इस दुर्घटना की साजिश रचने का आरोप लगाया, जिसके बाद उस पर हत्या का मामला भी दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किया था केस
पीड़िता की टक्कर के बाद मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर सेंगर को भी उत्तर प्रदेश से दिल्ली की रोहिणी जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इस बीच पीड़िता की हालत महीनों नाजुक बनी रही और उसका दिल्ली के AIIMS में इलाज हुआ। हाल ही में उसे अस्पातल से छुट्टी मिली थी।
सेंगर को हो सकती है दस साल तक की सजा
धारा 376 में पांच से लेकर दस साल तक की सजा का प्रावधान है। वहीं POCSO एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम दस साल की सजा होती है। ऐसे में सेंगर को न्यूनतम दस साल की सजा सुनाई जा सकती है।