राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का देश को संबोधन, कहा- नए आपराधिक कानून स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि
देशभर में 78वां स्वतंत्रता दिवस कल (15 अगस्त) मनाया जाने वाला है। इसकी पूर्व संध्या यानी आज शाम को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश भर में लागू किए गए नए आपराधिक कानून स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि है। मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति हैं और हर साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति द्वारा देश को संबोधित किया जाता है। आइए पूरी खबर पर एक नजर डालते हैं।
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति ने संबोधन के दौरान कहा, "पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और हम शीघ्र ही विश्व की 3 शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार हैं। लहराते तिरंगे को देखना हमें उत्साह से भर देता है। आज 14 अगस्त को देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा और लोगों को जान गंवानी पड़ी। हम उन सभी परिवार के साथ खड़े हैं।"
चुनावकर्मियों को दिया धन्यवाद
राष्ट्रपति ने कहा, "साल 2024 में हमारे देश में आम चुनाव हुए। 90 करोड़ लोगों ने लोकतंत्र के पर्व में वोट डाला। मैं सभी चुनावकर्मियों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने मतदान के लिए गर्मी में काम किया। भारत 8 प्रतिशत विकास दर से आगे जा रहा है। पीएम गरीब अन्न कल्याण योजना से 80 करोड़ लोगों को अनाज दिया जा रहा है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि गरीबी से निकले लोग फिर से गरीबी में न जाएं।"
सरकार ने सभी वर्गों के कल्याण का काम किया
राष्ट्रपति ने आगे कहा, "हाल के सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी बढ़ावा मिल। सरकार ने सेमी कंडक्टर जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए हैं। बैंक के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है। तेज गति से हो रही प्रगति के चलते भारत का कद ऊंचा हुआ है। G-20 के सफल आयोजन के बाद ग्लोबल साउथ की अवधारणा और मुखर हुई है। सरकार ने सभी वर्गों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं।"
नारी शक्ति के लिए राष्ट्रपति ने क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा, "नारी शक्ति अधिनियम महिलाओं के सशक्तीकरण को दिखाता है। मैं आप सबसे अनुरोध करती हूं कि अपने जीवन में छोटे बदलाव करें और जलवायु परिवर्तन को रोकने में अपना योगदान दें। हमने औपनिवेशिक युग के कई कानूनों को हटा दिया है। हमारी न्याय प्रणाली का मकसद केवल दंड देना नहीं है। मैं इसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं। खेल में भी हम बहुत आगे बढ़ गए हैं।"