कोलकाता डॉक्टर की रेप-हत्या: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि, प्रधानाचार्य को लंबी छुट्टी पर भेजा
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इसमें मृतका के साथ हत्या से पहले दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, उसके निजी अंगों में गंभीर चोटें आई थीं और भारी मात्रा में खून बहा था। रिपोर्ट को परिजनों को सौंप दी गई है।
इधर, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।
पोस्टमार्टम
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या सामने आया?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अुनसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संभावना है कि मृतका ने दुष्कर्म और हत्या से पहले विरोध किया था और फिर उससे बेरहमी से मारपीट हुई।
उसके हाथ और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान है। हाइमन भी टूटी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक क्रूर हमले से उसके चश्मे के कांच टूटा और वह उसकी आंखों में घुस गए। सिर की चोट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसे जोर से दीवार पर मारा होगा।
निशान
कैसे आए चेहरे पर चोट के निशान?
रिपोर्ट के अनुसार, दीवार पर सिर पटकते समय आरोपी ने कथित तौर पर उसका मुंह दबाकर जोर से बंद किया, जिससे उसके चेहरे पर चोट के निशान आ गए। इसके बाद आरोपी ने प्रशिक्षु डॉक्टर की गला घोंटकर हत्या कर दी।
डॉक्टरों को उसके निजी अंगों पर चोट के कई निशान भी मिले हैं, जो दुष्कर्म की ओर इशारा करते हैं। आरोपी संजय उस समय नशे में था। उसके हाथ और चेहरे पर कट के निशान भी मिले हैं।
डिनर
पीड़िता ने ओलंपिक मैच देखा और 4 डॉक्टरों के साथ डिनर किया
बंगाली दैनिक आनंदबाजार पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने चार सहयोगियों के साथ उस रात ढाई बजे खाना खाने से पहले पेरिस ओलंपिक के एक हिस्से के रूप में नीरज चोपड़ा का मुकाबला देखा था।
इसके बाद वह आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में चली गईं। पुलिस ने उन चारों डॉक्टरों के भी बयान दर्ज किए हैं।
यह भी सामने आया है कि पीड़िता के रात को सोने के बाद ही आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया था।
सूचना
परिजनों को दी गई थी आत्महत्या की सूचना
एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मेडिकल कॉलेज के सहायक अधीक्षक उन्हें बेटी के आत्महत्या करने की सूचना दी थी। पुलिस जांच के बाद उसके दुष्कर्म और हत्या की बात सामने आई है।
इस आरोप के बाद कोलकाता पुलिस ने सहायक अधीक्षक को पूछताछ के लिए बुला लिया है।
इसके अलावा पुलिस ने 7 अन्य जूनियर डॉक्टरों के भी बयान दर्ज किए हैं। पुलिस गलत सूचना देने का कारण पता करने में जुटी है।
आदेश
हाई कोर्ट ने मामले में की तल्ख टिप्पणी
इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा, "प्रधानाचार्य वहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों के संरक्षक हैं। अगर वह कोई सहानुभूति नहीं दिखाएंगे तो कौन दिखाएगा? वह कहीं काम करने लायक नहीं है, उन्हें घर पर होना चाहिए। मुझे आश्चर्य है कि एक सरकारी ऐसे प्रधानाचार्य के लिए बहस कर रहा है।"
टिप्पणी
कोई भी आदमी कानून से ऊपर नहीं है- हाई कोर्ट
सुनवाई में डॉ घोष ने पहले ही इस्तीफा देने की बात कही तो कोर्ट ने कहा, "यह प्रधानाचार्य अब काम नहीं करेगा। उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजें।"
कोर्ट ने कहा, "कोई भी आदमी कानून से ऊपर नहीं है। प्रधानाचार्य ने मामले के निपटारे से पहले कैसे पद छोड़ दिया? क्या वह अपनी जिम्मेदारियों से बचाना चाहता है।"
कोर्ट ने दोपहर 2 बजे तक पुलिस को मामले की केस डायरी और डॉ घोष का इस्तीफा पेश करनेे को भी कहा है।"