मुंबई: 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा से सरकारी फ्लैट में सामूहिक दुष्कर्म, 2 युवक गिरफ्तार
क्या है खबर?
मुंबई के चेंबूर में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के एक फ्लैट में 19 साल की कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है।
पीड़िता को पहले पड़ोस में ही रहने वाले एक युवक ने कोल्ड ड्रिंक में दवा मिलाकर बेहोश कर दिया और फिर अपने दोस्त के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 20 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया गया है।
मामला
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता और आरोपी दोनों के पिता BARC में ही काम करते हैं। पीड़िता का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के पालघर का रहने वाला है। लड़की अपने पिता के पास रहने के लिए आई हुई थी।
घटना के दिन पीड़िता आरोपी युवक के घर कुछ सामान लेने गई थी। इस दौरान युवक ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती को बेहोश कर दिया और फिर दोस्त के साथ मिलकर दुष्कर्म किया।
पीड़िता
एक-दूसरे को जानते थे पीड़िता और आरोपी
पकड़े गए मुख्य आरोपी की पहचान अजीत कुमार यादव (26) के रूप में हुई है। वो पीड़िता को पहले से जानता था।
घटना वाली रात अजीत का परिवार बाहर गया हुआ था, इसलिए उसने अपने दोस्त प्रभाकर यादव को घर बुलाया था।
चेंबूर पुलिस के मुताबिक, घटना 15 नवंबर की रात हुई है। होश आने पर पीड़िता ने घटना की जानकारी परिचितों को दी और मामले का खुलासा हुआ। पीड़िता ने अगले दिन सुबह पुलिस में शिकायत की।
धारा
आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज
पीड़िता के शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार), 376 D (सामूहिक बलात्कार), 328 (जहर के माध्यम से चोट पहुंचाना) और 34 (एक ही इरादे से व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने घटनास्थल से कोल्ड ड्रिंक के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा को भारत में परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता है। उन्होंने 1945 में परमाणु विज्ञान अनुसंधान करने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) की स्थापना की।
इसके बाद 1954 में परमाणु ऊर्जा के दोहन के प्रयास को तेज करने के लिए परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान, ट्रॉम्बे (AEET) की स्थापना की थी। 1966 में भाभा के निधन के बाद AEET का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) कर दिया गया।