#NewsBytesExplainer: क्या है 'भारत मंडपम' की खासियत, जिसमें होने जा रहा है G-20 सम्मेलन?
नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन शनिवार से शुरू होने जा रहा है। सम्मेलन के लिए प्रगति मैदान में एक भव्य इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर (IECC) बनाया गया है, जिसे 'भारत मंडपम' के नाम से जाना जाता है। 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत मंडपम' उद्धाटन किया था। इसके परिसर में एक प्रदर्शनी हॉल, एक सम्मेलन केंद्र और एक एम्फीथिएटर सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। आइए इस 'भारत मंडपम' की खासियतों के बारे में जानते हैं।
क्या है भारत मंडपम?
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित 'भारत मंडपम' एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर है, जिसको देश में होने वाले बड़े आयोजनों के लिए डिजाइन किया गया है। ये देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है और इसे एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया गया है। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान 'भारत मंडपम' में भारत और G20 के विशेष आमंत्रित सदस्यों सहित 29 देशों की विविध परंपराओं का प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भौतिक और आभासी प्रदर्शनियां शामिल है।
कन्वेंशन सेंटर का 'भारत मंडपम' क्यों रखा गया नाम?
'भारत मंडपम' भगवान बसवेश्वर की 'अनुभव मंडपम' की अवधारणा से प्रेरित है, जो सार्वजनिक समारोहों के लिए एक मंडप हुआ करता था। इसका डिजाइन 'शंख' के आकार से प्रेरित है। इसकी दीवारों पर भारतीय कला को उकेरा गया है, जिनमें 'सूर्य शक्ति', 'जीरो टू ISRO' और 'पंच महाभूत' शामिल हैं। 'सूर्य शक्ति' सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों को दर्शाती है, वहीं 'पंच महाभूत', ब्रह्मांड के 5 मूल तत्वों, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को दर्शाते हैं।
'भारत मंडपम' में दुनिया की सबसे ऊंची अष्टधातु की मूर्ति स्थापित
'भारत मंडपम' कन्वेंशन सेंटर में नटराज की अष्टधातु से बनी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। ये मूर्ति 27 फीट ऊंची और लगभग 18 टन वजनी है, जो अष्टधातु से निर्मित दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई के रहने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन और उनकी कुशल टीम ने महज 7 महीनों में रिकॉर्ड समय में तैयार किया है। इस मूर्ति में भारत के समृद्धि इतिहास और संस्कृति की झलक दिखती है।
123 एकड़ में फैला हुआ है 'भारत मंडपम'
'भारत मंडपम' कन्वेंशन सेंटर को बनाने में लगभग 2,700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये प्रमुख वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में भारत की क्षमता को दर्शाता है। ये कन्वेंशन सेंटर लगभग 123 एकड़ में फैला हुआ है। 'भारत मंडपम' को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार एक्सपो, सम्मेलनों और अन्य बड़े आयोजनों के एक स्थल के रूप में विकसित किया गया है। देश के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर को करीब 6,000 लोगों ने मिलकर बनाया है।
3 फ्लोर के 'भारत मंडपम' में अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद
'भारत मंडपम' में VIP लाउंज एरिया भी बनाए गए हैं। इसके 3 फ्लोर को मीटिंग, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशन के लिए तैयार किया गया है। पहले फ्लोर पर कॉन्फ्रेंस के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले कई रूम हैं, जिनका इस्तेमाल कई तरीकों से होगा। कन्वेंशन सेंटर के दूसरे फ्लोर में 2 मॉडर्न हॉल हैं। यहां एक बड़ा लाउंज एरिया भी बनाया गया है और ये इतना बड़ा है कि इसे समिट रूम के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
'भारत मंडपम' में इतने लोगों के बैठने की व्यवस्था
'भारत मंडपम' की एक और बड़ी खासियत है कि इसके तीसरे फ्लोर में एक साथ 7,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसी फ्लोर पर एक ओपन एम्फीथिएटर है, जिसमें एक बार में 3,000 लोग बैठ सकते हैं। भारत मंडपम का कुल एरिया फुटबॉल स्टेडियम से करीब 26 गुना बड़ा है। इसके एक बहुउद्देश्यीय हॉल और प्लेनरी हॉल की संयुक्त क्षमता ऑस्ट्रेलिया में सिडनी ओपेरा हाउस की क्षमता से अधिक है।