दो साल बाद भारतीय छात्रों को वीजा जारी करेगा चीन
क्या है खबर?
चीन ने भारतीय छात्रों को बड़ी राहत दी है। उसने कोरोना वायरस महामारी के प्रतिबंधों के कारण फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों को दो साल से अधिक समय बाद सोमवार यानी 22 अगस्त से वीजा जारी करने की घोषणा की है।
इसके अलावा चीन ने व्यापार वीजा सहित अन्य श्रेणियों में भी भारतीयों को वीजा जारी किए जाने की योजना की घोषणा की है।
चीन का वीजा जारी करना भारती छात्रों के लिए राहत भरी खबर है।
जानकारी
चीनी काउंसलर ने भारतीय छात्रों को दी बधाई
चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के काउंसलर जी रोंग ने ट्वीट कर कहा, 'भारतीय छात्रों को हार्दिक बधाई! आपका धैर्य सार्थक साबित हुआ। मैं वास्तव में आपके उत्साह और खुशी को साझा कर सकता हूं। #चीन में आपका स्वागत है!'
इसके साथ ही उन्होंने अपने इस ट्वीट में नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की तरफ से छात्रों, व्यापारियों और चीन में काम करने वालों के परिजनों के लिए वीजा सेवा शुरू करने की विस्तृत जानकारी दी है।
छात्र
लंबी अवधि तक रहने के इच्छुक छात्रों को दिया जाएगा एक्स-1 वीजा
घोषणा के अनुसार, एक्स-1 वीजा उन छात्रों को जारी किया जाएगा जो उच्च शैक्षणिक शिक्षा के लिए लंबी अवधि के लिए चीन जाना चाहते हैं।
इनमें नए छात्रों के अलावा वे छात्र भी शामिल हैं जो अपनी पढ़ाई आगे जारी रखने के लिए चीन लौटना चाहते हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत में 23,000 से अधिक भारतीय छात्र घर वापस लौट कर आए थे। उनमें से ज्यादातर मेडिकल के छात्र थे।
वीजा
पुराने छात्रों के अलावा नए छात्रों को भी जारी किया जाएगा वीजा
दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की वेबसाइट पर प्रकाशित घोषणा में कहा गया है कि नए छात्रों के साथ ही उन पुराने छात्रों को छात्र वीजा जारी किए जाएंगे जो कोरोना वायरस वीजा प्रतिबंध के कारण चीन की यात्रा नहीं कर सके थे।
वीजा के लिए जहां नए छात्रों को चीनी विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए मूल प्रवेश पत्र प्रदर्शित करने होंगे, वहीं पुराने छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा जारी 'परिसर में वापसी का प्रमाण पत्र' दिखाना होगा।
पढ़ाई
1,000 से अधिक पुराने भारतीय छात्रों ने चीन में पढ़ाई जारी रखने की जताई इच्छा
सूत्रों ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि 1,000 से अधिक पुराने भारतीय छात्रों ने चीन वापस लौटकर अपनी पढ़ाई जारी रखने की इच्छा व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि जो विश्वविद्यालय उनके अनुरोधों को प्रोसेस कर रहे हैं, क्या वे उन्हें वीजा के लिए आवेदन करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
छात्रों ने कहा कि चीन जाने में दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि दोनों देशों के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है।