न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (64) ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले ली। वह भारत के 51वें CJI होंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति खन्ना को शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल 13 मई, 2025 तक लगभग 7 महीने का होगा। न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी, 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। वे न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे।
कौन हैं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 14 मई, 1960 को जन्मे हैं। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट और चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं। संजीव खन्ना ने 1983 में पहली बार दिल्ली बार एसोसिएशन में अपना पंजीकरण कराया था और शुरूआत में तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की। 2004 में दिल्ली के स्थायी वकील नियुक्त हुए। 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त और 2006 में स्थायी जज बने। 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
समलैंगिक विवाह मामले से खुद को किया था अलग
समलैंगिक विवाह मामले में अगस्त 2024 में 52 पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई से पहले न्यायमूर्ति खन्ना ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और इसके पीछे निजी कारण बताया था। न्यायमूर्ति खन्ना ने कई चर्चित केस की सुनवाई की, जिसमें VVPAT का 100 प्रतिशत सत्यापन, चुनावी बॉन्ड, अनुच्छेद 370 निरस्त करना और सुप्रीम कोर्ट को तलाक देने का अधिकार शामिल है। ये सभी ऐसे मामले हैं, जिन पर खूब विवाद हुआ था।