कठुआ गैंगरेप और हत्याकांडः आज फैसला सुनाएगी अदालत, जानिये मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
पिछले साल जनवरी में कठुआ में एक बच्ची के साथ हुए रेप और उसकी हत्या के मामले में आज फैसला आएगा। पठानकोट की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई 3 जून को पूरी हो चुकी है। फैसले की घोषणा के देखते हुए अदालत परिसर और कठुआ में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
मानवता को शर्मसार करने वाला है मामला
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक मुस्लिम बकरवाल बच्ची की हत्या और रेप किया गया। बच्ची को कई दिनों तक ड्रग्स देकर बेहोश रखा गया था। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अप्रैल 2018 में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट के मुताबिक, कठुआ रसाना गांव में आठ साल की एक बच्ची का अपहरण किया गया। उसके बाद गांव के धार्मिक स्थल में उसके साथ चार दिन तक कथित तौर पर रेप किया गया और लाठी से पीटकर हत्या कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पठानकोट ट्रांसफर हुई सुनवाई
जब क्राइम ब्रांच इस मामले में चार्जशीट दायर करने जा रही थी तब रास्ते में वकीलों और भीड़ ने उनका रास्ता रोका। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले का ट्रायल जम्मू से बाहर पठानकोट में किया जाएगा। ट्रायल के दौरान कैमरे के सामने कार्रवाई का आदेश भी दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीड़िता के परिवार, गवाहों और कागजातों को प्रभावित किए जाने की आशंका है।
आरोपियों के समर्थन में भाजपा के मंत्रियों ने निकाली थी रैलियां
देशभर में चर्चा का विषय बनी इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने आरोपियों के समर्थन में रैलियां निकाली थीं। तब जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री रहे भाजपा नेता चौधरी लाल सिंह और सीपी गंड़ा ने इस रैलियों में हिस्सा लिया था। इसे लेकर जब विवाद बढ़ा तो मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। चौधरी लाल सिंह और दो आरोपियों ने इस मामले में CBI जांच की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
मामले में हुई है इन लोगों की गिरफ्तारी
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे और उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज और एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया था।
दोषी हुए तो फांसी की सजा संभव
इस मामले में यदि आरोपियों के दोषी पाया जाता है तो उन्हें कम से कम आजीवन कारावास और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है। पूरे देश की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हुई है।
न्याय के इंतजार में बच्ची के परिवार वाले
फैसले से पहले BBC से बात करते हुए बच्ची की मां ने कहा, "अब हमें न्याय चाहिए। मेरी बेटी की निर्मम हत्या कर दी गई। उसने ऐसा क्या अपराध किया था जो उसे ऐसी मौत दी। हम एक खौफ में जी रहे हैं।" उन्होेंने आगे कहा, "मैं उस घटना को भूल नहीं पाती। मेरा दिल बस अपनी बेटी को याद ही कर सकता है। मेरी बेटी के साथ जो दरिंदगी की गई उसे याद करके मेरा दिल बैठ जाता है।"