भारत की पहली महिला हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ पद्मावती का कोरोना वायरस के कारण निधन
भारत की पहली महिला कार्डियोलॉजिस्ट (हृदयरोग विशेषज्ञ) डॉ एसआई पद्मावती का 103 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थी। करीब 11 दिन पहले उनके कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसके बाद उन्हें नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट (NHI) में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से उनके दोनों फेफड़ों में लगातार संक्रमण बढ़ता गया और गत शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
NHI ने बयान जारी कर दी निधन की जानकारी
मिड-डे के अनुसार NHI की ओर से जारी किए गए बयान में अस्पताल के CEO डॉ ओपी यादव ने कहा कि भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ पद्मावती का 29 अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके फेफड़ों में निमोनिया हो गया था, लेकिन शनिवार रात 11:09 बजे हृदयाघात के बाद उनका निधन हो गया।
गॉडमदर के नाम से थी मशहूर
बता दें कि डॉ पद्मावती 'गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी' के तौर पर मशहूर थी। शनिवार रात को निधन होने के बाद रविवार को पंजाबी बाग के कोरोना शवदाह गृह में उनकी अंत्येष्टि हुई। उनके निधन को चिकित्सा क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद म्यांमार से आकर भारत में बस गई थी पद्मावती
20 जून, 1917 को म्यांमार में जन्मी पद्मावती ने रंगून मेडिकल कॉलेज से MBBS किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के वह भारत में ही बस गई थी। उन्होंने ब्रिटेन से स्नातकोत्तर करने के बाद स्वीडन और अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल की थी। 1954 में भारत लौटने के बाद वह नई दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन की लेक्चरर बनी और बाद में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष भी रही।
पद्मावती ने की थी राष्ट्रीय हृदय संस्थान की स्थापना
पद्मावती ने साल 1962 में ऑल इंडिया हार्ट फाउंडेशन और साल 1981 में नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। उन्होंने वह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में निदेशक प्राचार्य के रूप में और बाद में कार्डियोलॉजी में सलाहकार और गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में निदेशक के रूप में भी कार्य किया था। उन्होंने महामारी विज्ञान और रोकथाम के विशेष संदर्भ में आमवाती हृदय रोग, कोर पल्मोनेल, हाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी धमनी रोग पर शोध कार्य भी किया था।
पद्मावती को देश-विदेश में मिले कई सम्मान
भारत में कार्डियोलॉजी के विकास के लिए पद्मावती को कई सम्मानों से नवाजा गया था। उन्हें अमेरिका के कार्डियोलॉजी कॉलेज ने फेलोशिप प्रदान की थी। भारत सरकार ने 1967 में उन्हें पद्म भूषण और 1992 में पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा था। इसी तरह 1975 में उन्हें रॉय अवार्ड और कमला मेनन रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसी तरह साल 2003 में उन्हें हार्वर्ड मेडिकल इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा गया था।
भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 78,512 नए मामले सामने आए और 971 की मौत हो गई। देश में कुल मामलों की संख्या 36,21,245 हो गई है, वहीं 64,469 की मौत हो चुकी है। देश में 7,81,975 सक्रिय मामले हैं।