मुंबई होर्डिंग हादसा: गोपनीय ऑपरेशन में मुंबई पुलिस ने आरोपी भावेश भिंडे को कैसे गिरफ्तार किया?
मुंबई के घाटकोपर इलाके में होर्डिंग हादसे में पुलिस ने होर्डिंग लगाने वाली कंपनी के मालिक और आरोपी भावेश भिंडे को गिरफ्तार कर लिया है। भावेश घटना के बाद मुंबई से भागकर अलग-अलग शहरों में गलत पहचान बताकर छिपता रहा। ऐसा कर भावेश ने 3 दिन तक पुलिस को चकमा दिया और आखिरकार उदयपुर से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आइए जानते हैं कि पुलिस ने कैसे भावेश को गिरफ्तार किया है।
ठाणे और अहमदाबाद होते हुए उदयपुर पहुंचा भावेश
हादसे के बाद मुंबई पुलिस ने भावेश को पकड़ने के लिए 8 टीमों का गठन किया था। भावेश को इसकी भनक लग गई थी और वो पुलिस से बचने के लिए ठिकाने बदलता रहा और अपनी पहचान भी छिपाता रहा। घटना के बाद सबसे पहले वो कार से लोनावला गया और यहां से ठाणे और फिर अहमदाबाद होते हुए उदयपुर पहुंचा। अहमदाबाद में वो एक रिश्तेदार के यहां रुका था।
उदयपुर पुलिस को भी नहीं थी कार्रवाई की जानकारी
भावेश उदयपुर के गोवर्धन विलास इलाके में एक होटल में छिपा हुआ था। होटल में कमरा बुक करने के लिए उसने अपने भाई के नाम का इस्तेमाल किया था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच भावेश को पकड़ने उदयपुर पहुंची। ये पूरा ऑपरेशन इतना गोपनीय था कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। NDTV से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "ऑपरेशन बेहद गोपनीय था। यहां तक कि उदयपुर पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं थी।"
कौन है भावेश भिंडे?
जो होर्डिंग गिरा वह ईगो मीडिया कंपनी ने लगाया था, जिसका मालिक भावेश है। उसके खिलाफ घाटकोपर के पंतनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भावेश मुंबई के मुलुंड में रहता है और यहीं पर उनकी कंपनी का कार्यालय भी है। वह 2009 में मुलंड विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुका है। कंपनी के इस इलाके में कुल 4 होर्डिंग थे, जिसमें से एक तूफान की वजह से लोगों के ऊपर गिर गया।
क्या है मामला?
13 मई को घाटकोपर के पंत नगर में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के किनारे पर लगा 17,040 वर्ग फुट का विशाल होर्डिंग गिर गया था। इस हादसे में 16 लोग मर गए थे और 43 घायल हुए थे। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के मुताबिक, ये होर्डिंग अवैध था और इसके लिए अनुमति नहीं ली गई थी।