तमिलनाडु: पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर पैसे ऐंठ रहे जालसाज
सोशल मीडिया के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले जालसाज अब पुलिसवालों के नाम का सहारा ले रहे हैं। तमिलनाडु में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब जालसाजों ने पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश की। अधिकारियों का यह भी कहना है कि ऐसी कोशिशें दूसरे राज्यों में भी हो रही हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
DCP के नाम से बने फर्जी अकाउंट से हुई ठगी की कोशिश
इस कड़ी में एक मामला 25 सितंबर का है। इस दिन तिरुनेलवल्ली के DCP एस श्रवणन ने एक फेसबुक अकाउंट का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया। सोशल मीडिया पर अर्जुन श्रवणन के नाम से जाने जाने वाले DCP ने बताया कि यह फर्जी अकाउंट है। उन्होंने अपने फॉलोवर्स को चेताया कि यह फर्जी अकाउंट है और इससे फ्रेंडशिप या पैसे के लिए आने वाली किसी भी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें।
DIG के नाम पर भी बना फर्जी अकाउंट
इससे अगले दिन यानी 26 सितंबर को तमिलनाडु पुलिस में DIG रैंक के अधिकारी वी बालाकृष्णन ने भी अपने असली फेसबुक अकाउंट पर ऐसा ही मैसेज पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि उन्होंने किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं भेजी है। इसलिए अगर किसी को रिक्वेस्ट मिली है तो उसे एक्सेप्ट न करें। कुछ देर बाद अपने अगले पोस्ट में उन्होंने बताया कि कोई जालसाज उनके नाम का इस्तेमाल कर लोगों से पैसे मांग रहा है।
हालिया दिनों में सामने आए ऐसे कई मामले
द न्यूज मिनट के अनुसार, हालिया दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब जालसाज पुलिस अधिकारियों के नाम पर नकली अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। श्रवणन और बालाकृष्णन के अलावा कम से कम तीन अन्य पुलिस अधिकारियों ने अपने नाम से चल रहे फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स को लेकर लोगों को चेताया है। सब मामलों में कहा गया कि जालसाज उनके नाम पर पैसे ऐंठ रहे हैं।
"दूसरे राज्यों में भी सामने आए ऐसे मामले"
रिपोर्ट के अनुसार, बालाकृष्णन ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान ऐसी गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। उन्होंने कहा, "दूसरे कई राज्यों में मेरे साथी भी ऐसे हमलों का निशाना बने हैं और उनके राज्यों में उन मामलों की जांच चल रही है।"
बालाकृष्णन ने CCB में दी शिकायत
बालाकृष्णन ने बताया कि जालसाज ने उनके दोस्त के पास फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। उन्होंने कहा, "मैंने अपने दोस्त को कहा कि वह उस जालसाज को बातों में उलझाकर जानकारी निकलवा लें। इसके बाद उसने मेरे दोस्त से पैसे और बैंक की जानकारी मांगी। यहां तक की उसने पैसे भेजने के लिए मेरे दोस्त को UPI से जुड़ा हुआ एक मोबाइल नंबर भी भेजा था।" बालाकृष्णन ने इसकी शिकायत साइबर सेल डिविजन की सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) को दी है।
लोगों को साइबर हमलों के प्रति जागरुक कर रही पुलिस
उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस मामले में संदिग्ध के बारे में कुछ जानकारियां मिली हैं, जो उन्होंने CCB के साथ साझा की हैं। पुलिस अधिकारियों के नाम पर ये साइबर अटैक ऐसे समय हो रहे हैं, जब पुलिस लोगों को साइबर हमलों से बचने के लिए जागरूक करने की मुहिम चला रही है। इस मुहिम के जरिये पुलिस लोगों को फोन और इंटरनेट पर होने वाले साइबर हमलों से बचने के बारे में जागरूक कर रही है।