गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज की, कहा- 'तत्काल आत्मसमर्पण' करें
क्या है खबर?
गुजरात हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा है।
बता दें कि तीस्ता पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है। इस मामले में उन्हें पिछले साल जून में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई थी।
मामला
क्या है मामला?
तीस्ता पर आरोप हैं कि वे कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल द्वारा 2002 गुजरात दंगे के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार को गिराने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थीं।
उन पर यह भी आरोप है कि निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए उन्होंने फर्जी रिकॉर्ड और सबूत तैयार किए और आपराधिक साजिश की।
कोर्ट ने गुजरात दंगों में मारे गए एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी वाले मामले में भी तीस्ता की भूमिका संदिग्ध मानी थी।
कब क्या
मामले में कब-क्या हुआ?
दरअसल, पिछले साल जून में तीस्ता को गिरफ्तार किया गया था और 2 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी।
याचिका पर सुनवाई में देरी होने पर वे सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं, जहां उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी।
अब उन्होंने नियमित जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
3 लग
साजिश रचने वाले मामले में 3 लोग गिरफ्तार
गुजरात दंगों से जुड़े साजिश रचने वाले मामले में गुजरात पुलिस ने तीस्ता के अलावा पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी संजीव भट और आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार किया था।
भट एक अन्य मामले में पहले से ही जेल में बंद हैं। पिछले साल तीस्ता के साथ श्रीकुमार को भी गिरफ्तार किया गया था।
श्रीकुमार 1971 बैच के IPS अधिकारी हैं और गुजरात दंगों के वक्त वे राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के पद तैनात थे।
कौन
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ एक समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) संगठन की भी सचिव हैं। यह संगठन 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय लड़ने के लिए स्थापित किया गया था।
CJP एक सह-याचिकाकर्ता है जो दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 62 अन्य सरकारी अधिकारियों की सहभागिता के लिए आपराधिक मुकदमे की मांग कर चुकी है।
तीस्ता के पिता वकील थे और उनके दादा देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे।