कोरोना वायरस: किस राज्य में ऑक्सीजन की क्या स्थिति और कहां सप्लाई से अधिक हुई मांग?
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और मरीजों को ऑक्सीजन जैसी मूलभूत जरूरत के अभाव में दम तोड़ना पड़ रहा है। देश के कई राज्यों में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग सप्लाई से अधिक हो गई है, वहीं कई राज्य ऐसे हैं जहां दोनों लगभग बराबर हैं। आइए देश के कुछ बड़े राज्यों में ऑक्सीजन की मांग, इसकी उपलब्धता और कमी पर एक नजर डालते हैं।
किन राज्यों में ऑक्सीजन की कमी?
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा चार ऐसे राज्य हैं जहां ऑक्सीजन की सप्लाई मांग से कम है। दिल्ली में स्थिति सबसे अधिक खराब है और यहां मांग और सप्लाई में 220 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का अंतर है। अभी केंद्र सरकार दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे रहा है, वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि उसे 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। अभी दिल्ली के कई बड़े अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में यह स्थिति
बाकी तीन राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश को अभी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन उसे केवल 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलती है। यहां 47 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी है। इसी तरह गुजरात में 1,000 मीट्रिक टन की मांग के मुकाबले 975 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। हरियाणा में 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग है, लेकिन उसे 162 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल रही है।
इन दो राज्यों में मांग और सप्लाई बिल्कुल बराबर
कर्नाटक और राजस्थान दो ऐसे राज्य हैं जहां मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और सप्लाई दोनों बराबर हैं और मामलों में और वृद्धि होने पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। कर्नाटक में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग है और उसे इतनी ही ऑक्सीजन मिल रही है। इसी तरह राजस्थान में 205 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है और उसके पास इतनी ही ऑक्सीजन की सप्लाई है।
किन राज्यों में मांग से अधिक है ऑक्सीजन की सप्लाई?
पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश पांच ऐसे राज्य हैं जहां ऑक्सीजन की सप्लाई मांग से 100 मीट्रिक टन तक अधिक है। पंजाब में 126 मीट्रिक टन मांग के मुकाबले 136 मीट्रिक टन, केरल में 89 मीट्रिक टन के मुकाबले 99 मीट्रिक टन, छत्तीसगढ़ में 215 मीट्रिक टन के मुकाबले 227 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 200 मीट्रिक टन के मुकाबले 220 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 445 मीट्रिक टन के मुकाबले 543 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई है।
सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र की क्या स्थिति?
कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में हालिया समय में ऑक्सीजन की स्थिति में सुधार हुआ है और अभी यहां मांग के मुकाबले सप्लाई ज्यादा है। राज्य में अभी 1,500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग है, वहीं उसके पास 1,661 मीट्रिक की सप्लाई है। इस तरह अभी उसके पास 161 मीट्रिक टन अधिक ऑक्सीजन है। राज्य में मामलों में स्थिरता आती दिख रही है और उम्मीद की जा रही है कि स्थिति और अधिक नहीं बिगड़ेगी।
देश में क्या है महामारी की स्थिति?
भारत अभी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। बीते दिन देश में 3,32,730 नए मामले सामने आए और 2,263 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,62,63,695 हो गई है। इनमें से 1,86,920 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 24,28,616 हो गई है।