पैंगोंग झील: सेनाएं पीछे हटाने के समझौते पर चीन ने अभी तक कितना अमल किया है?
भारत और चीन के बीच हुए समझौते के तहत पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील से दोनों देशों की सेनाओं का पीछे हटना जारी है और मौके से आई ताजा तस्वीरों में चीनी सैनिकों को अपने तंबुओं को उखाड़ते हुए और पहाड़ी से नीचे उतरते हुए देखा जा सकता है। भारत की तरफ की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है। आइए आपको सेनाओं को पीछे हटाने की इस पूरी प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति के बारे में बताते हैं।
दोनों देशों के बीच क्या समझौता हुआ है?
अभी भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के दोनों किनारों, उत्तरी और दक्षिणी, पर सैनिक पीछे हटाने पर समझौता हुआ है। इसके तहत दोनों देशों अग्रिम मोर्चे पर खड़े अपने सैनिकों को चरणबद्ध, कॉर्डिनेटेड और वेरिफाइड तरीके से पीछे हटाएंगे। उत्तरी किनारे पर चीन अपने सैनिकों को फिंगर आठ तक पीछे हटाएगा, वहीं भारत अपने सैनिकों को फिंगर तीन पर स्थित अपनी धन सिंह थापा पोस्ट तक पीछे हटाएगा। दक्षिणी किनारे पर भी इसी तरह सैनिक पीछे हटाए जाएंगे।
समझौते पर कितना अमल हुआ?
पहले कई बार अपनी सेना पीछे हटाने पर वादाखिलाफी कर चुके चीन ने इस बार समझौते का पालन किया है और वह तेजी से अपनी तेजा को पीछे हटा रहा है। समझौता होने के पहले दो दिन के अंदर ही चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे से 200 से अधिक टैंक हटा दिए थे और उसकी इस रफ्तार ने सबको चौंका दिया था। भारत ने भी दक्षिणी किनारे से अपने टैंक पीछे हटाए हैं।
टैंकों के बाद सैनिकों को हटाया जा रहा पीछे
टैंकों की वापसी के बाद चीन ने अब अपने सैनिकों और अन्य सैन्य सामानों को भी पीछे हटाना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना द्वारा जारी की गए वीडियो और तस्वीरों में चीनी सैनिकों को अपने तंबुओं को उखाड़ते हुए देखा जा सकता है। एक वीडियो में चीनी सैनिकों को बड़ी संख्या में पहाड़ी से नीचे उतरते हुए भी देखा जा सकता है और नीचे उन्हें ले जाने के लिए ट्रक खडे हुए हैं।
अपने सभी निर्माणों को ध्वस्त कर रही चीनी सेना
टैंकों और सैनिकों की पीछे हटाने के साथ-साथ चीनी सेना विवाद शुरू होने के बाद इलाके में किए गए अपने निर्माण को भी तोड़ रही है। इस प्रक्रिया में फिंगर्स एरिया में कई बंकरों, एक हैलीपैड और एक जेटी (जहाजों से उतरने के लिए जल निकायों में बनाया गया मंच) समेत कई निर्माणों को ध्वस्त किया जा चुका है। तस्वीरों में चीनी सैनिकों को बुलडोजरों की मदद से जमीन को एक समान करते हुए भी देखा जा सकता है।
ड्रोन्स और सैटेलाइट की मदद से हो रही समीक्षा
सेनाएं पीछे हटाने की इस पूरी प्रक्रिया की ड्रोन्स और सैटेलाइट्स की मदद से साथ के साथ पुष्टि भी की जा रही है और अगले दौर की सैन्य बैठक से पहले पूरी स्थिति की अच्छी तरह से समीक्षा की जाएगी।
समझौते से पहले क्या स्थिति थी?
पिछले साल अप्रैल-मई में चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में घुसपैठ कर दी और फिंगर आठ से फिंगर चार तक के इलाके पर कब्जा कर लिया। जब कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन ने यहां से अपने सैनिक पीछे नहीं हटाए तो भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए दक्षिणी किनारे पर स्थित कई चोटियों पर कब्जा कर लिया। तभी से उत्तरी किनारे पर चीन और दक्षिणी किनारे पर भारत का दबदबा था।