पिछले साल भी आई थी अमरनाथ गुफा के पास बाढ़, फिर भी वहीं लगाए गए टेंट
क्या है खबर?
शुक्रवार को अमरनाथ गुफा के पास स्थित जिस जगह पर बादल फटने के कारण बाढ़ आई थी, वहां पिछले साल भी कुछ ऐसी ही घटना हुई थी।
पिछले साल यात्रा बंद होने के कारण इस बाढ़ से किसी को नुकसान तो नहीं हुआ था, लेकिन लापरवाही बरतते हुए इस साल उसी समय पर श्रद्धालुओं के टेंट लगा दिए गए।
अगर ये लापरवाही नहीं बरती जाती तो शुक्रवार को 16 लोगों की जान नहीं जाती।
बाढ़
पिछले साल 28 जुलाई को आई थी बाढ़, भारी बारिश थी कारण
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 28 जुलाई को अमरनाथ गुफा के पास बाढ़ आई थी। ये बाढ़ भी भारी बारिश के कारण आई थी और इसमें पत्थर भी बहकर नीचे आए।
हालांकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा बंद थी, इसलिए बाढ़ में किसी की जान नहीं गई। इलाके में सुरक्षा बलों के कुछ टेंट जरूर लगे हुए थे, जिन्हें बाढ़ अपने साथ बहाकर ले गई।
लापरवाही
पिछली साल बाढ़ के बावजूद लगाए गए श्रद्धालुओं के टेंट और लंगर
इसके बावजूद इस साल इसी जगह श्रद्धालुओं के टेंट लगाए गए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को जगह देने के लिए इस खतरनाक जगह पर टेंट लगाए गए। इसके अलावा यहां एक लंगर की भी अनुमति दी गई।
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, "ये सर्वविदित था कि यहां बाढ़ का खतरा रहता है, लेकिन फिर भी इस साल बिना सोचे-समझे योजना बनाई गई, खासकर मौसम को देखते हुए। मुख्य प्रयास लोगों की संख्या दिखाने पर था।"
बांध
पानी रोकने के लिए बनाया गया था दो फुट ऊंचा बांध, रहा बेअसर
रिपोर्ट के अनुसार, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (SASB) ने बारिश के पानी को रोकने के लिए दो फुट ऊंचा पत्थरों का एक छोटा बांध बनाया था, लेकिन शुक्रवार को कुछ सेकंड के अंदर ही पानी इस बांध के ऊपर से बहने लगा और टेंटों को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि शुक्रवार को बांध पर आया पानी उनकी सभी गणनाओं से अधिक था और इसी कारण यह हादसा हुआ।
बयान
मौसम केंद्र के निदेशक ने कहा- पता नहीं पिछले साल कितनी बारिश हुई थी
जम्मू-कश्मीर मौसम केंद्र के निदेशक सोनल लोटस ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह नहीं कह सकते कि पिछले साल 28 जुलाई को अमरनाथ में कितनी बारिश हुई थी क्योंकि तब कोई भी यात्रा नहीं हुई थी और इसलिए इलाके में बारिश मापने का कोई यंत्र नहीं लगाया गया था।
हालांकि एक सूत्र ने बताया कि पिछले साल और 2015 की बाढों की हर बैठक में चर्चा हुई है और इसी कारण बांध बनाने जैसे कदम उठाए गए थे।
अमरनाथ यात्रा
दो साल बाद हो रही है अमरनाथ यात्रा
बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए होने वाली अमरनाथ यात्रा को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है और इस साल दो साल के अंतराल के बाद यह यात्रा हो रही है। पिछले दो साल कोरोना वायरस महामारी के कारण ये यात्रा बंद रही थी।
30 जून को शुरू हुई यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। इसमें अब तक 1.13 से अधिक श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं। कुल छह-आठ लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।