Page Loader
गुजरात: वंदे भारत ट्रेन से टकराने वाली भैंसों के मालिक के खिलाफ FIR
वंदे भारत ट्रेन भैंसों के टकराने से क्षतिग्रस्त हुई

गुजरात: वंदे भारत ट्रेन से टकराने वाली भैंसों के मालिक के खिलाफ FIR

Oct 07, 2022
07:06 pm

क्या है खबर?

गुजरात में जिस शख्स की भैंसों से टकरा कर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अगला हिस्सा टूट गया था, उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 147 के तहत ये FIR दर्ज की है। RPF इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए ये जानकारी दी। हालांकि रेलवे पुलिस अभी तक भैंसों के मालिक की पहचान करने में नाकाम रही है और इस दिशा में प्रयास जारी हैं।

मामला

क्या है भैंसों के वंदे भारत ट्रेन से टकराने का पूरा मामला?

कुछ दिन पहले ही लॉन्च की गई मुंबई सेंट्रल और गांधीनगर स्टेशनों के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुरूवार सुबह लगभग 11:18 बजे गुजरात के अहमदाबाद में वटवा और मणिनगर स्टेशनों के बीच कुछ भैंसों से टकरा गई थी। इस घटना में प्लास्टिक और फाइबर से बना ट्रेन का अगला पैनल टूट गया था, जबकि चार भैंसों की भी मौत हो गई थी। घटना के बाद क्षतिग्रस्त ट्रेन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं।

मरम्मत

ट्रेन को किया गया ठीक, बिना देरी के किया गया गांधीनगर रवाना

रेलवे के एक प्रवक्ता के अनुसार, घटना में ट्रेन के किसी भी महत्वपूर्ण हिस्से को कोई नुकसान नहीं पहुंचा जिससे ट्रेन सेवा पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा। घटना में सभी यात्री भी सकुशल रहे। घटना के बाद ट्रेन को 20 मिनट के लिए रोकना पड़ा। मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर इसे ठीक करके वापस गांधीनगर के लिए रवाना कर दिया गया। ये सब बेहद जल्द किया गया और ट्रेन बिल्कुल भी लेट नहीं हुई।

शुरूआत

प्रधानमंत्री ने 30 सितंबर को दिखाई थी ट्रेन को हरी झंडी

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी और इसने 1 अक्टूबर से अपनी सेवाएं देना शुरू किया था। ये वंदे भारत सीरीज के तहत देश में चलने वाली कुल तीसरी ट्रेन है। यह पूरी तरह से स्वदेशी ट्रेन है और इसका चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में निर्माण किया गया है। इसके निर्माण में कुल 107 करोड़ रुपये की लागत आई है।

विशेषताएं

वंदे भारत ट्रेन में क्या है खास?

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देश की पहली इंजन रहित ट्रेन है। इसमें बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं। इसमें 16 कोच होते हैं और ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा भी मिलती है। ट्रेन में GPS आधारित सूचना प्रणाली से आने वाले स्टेशनों की जानकारी दी जाती है। यह 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ने में सक्षम है। इसमें जैव-वैक्यूम शौचालय बनाए गए हैं और सुरक्षा के लिए सभी कोचों में स्वचालित दरवाजें लगाए गए हैं।