NEET PG की काउंसलिंग 19 सितंबर से हो सकती है शुरू- रिपोर्ट
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्ट ग्रेजुएशन (NEET PG) 2022 की काउंसलिंग 19 सितंबर से शुरू हो सकती है। पहले यह काउंसलिंग 1 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन सोमवार को मेडिकल काउंसलिंग समिति (MCC) ने इसको टालने की सूचना जारी कर दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, MCC एक से दो दिन में NEET PG काउंसलिंग का पूरा शेड्यूल जारी कर सकती है।
NEET PG काउंसलिंग टालने का कारण क्या था?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को नई सीटें जोड़ने की प्रक्रिया को पूरा करने की अनुमति देने के लिए NEET PG काउंसलिंग को टाल दिया था, ताकि अधिक उम्मीदवारों को चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिल सके। इस संबंध में MCC ने नोटिस जारी कर कहा था, "NMC वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए नए अनुमति पत्र (LoP) जारी करने की प्रक्रिया में है और यह 15 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।"
लगभग 60,000 सीटों के लिए NEET PG काउंसलिंग होने की संभावना
समाचार एजेंसी PTI को सूत्रों ने बताया कि कि कुछ मेडिकल कॉलेजों में नियामक निरीक्षण चल रहा है और इस साल लगभग 60,000 सीटों के लिए NEET PG की काउंसलिंग होने की संभावना है। बता दें कि NEET PG की काउंसलिंग सभी सेंट्रल और डीम्ड यूनिवर्सिटीज, ऑल इंडिया कोटे की 50 प्रतिशत सीटों और मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की राज्य कोटे की 50 प्रतिशत सीटों के लिए एक साथ शुरू होगी।
FORDA ने की काउंसलिंग में देरी की आलोचना
NEET PG की काउंसलिंग स्थगित किए जाने के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने पत्र में काउंसलिंग में देरी की आलोचना की और कहा कि यह स्वास्थ्य प्रणाली के लिए "प्रतिकूल" होगा। बता दें कि FORDA ने दिसंबर, 2021 में भी काउंसलिंग में देरी के विरोध में प्रदर्शन किया था।
काउंसलिंग में देरी के कारण पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्र नहीं कर पा रहे नौकरी
पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्र NEET PG काउंसलिंग की तारीखों की अनिश्चितता के कारण नौकरी नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी ओर मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी है क्योंकि पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्र प्रशिक्षण के तौर पर अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट के रूप में काम करते हैं। यह परीक्षाएं आमतौर पर जनवरी में होती हैं और नतीजे जारी होने के साथ ही काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो जाती है और छात्र मई तक केंद्रों में शामिल हो जाते हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण परीक्षा के आयोजन में हुई देरी
स्वास्थ्य मंत्रालय एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी और पिछले साल की दाखिला प्रक्रिया में देरी के कारण इस साल परीक्षा 21 मई को आयोजित की गई थी और परिणाम 1 जून को घोषित किया गया था। बता दें कि इस परीक्षा में कुल 1,82,318 उम्मीदवार उपस्थित हुए थे और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) ने इस परीक्षा के नतीजे सिर्फ 10 के अंदर जारी कर दिए थे।