बिहार में मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग में हुआ कई गुना इजाफा- NCB यूनिट
कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार में मादक पदार्थों के दुरुपयोग और उसकी तस्करी में कई गुना इजाफा हुआ है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की पटना यूनिट द्वारा की गई कार्रवाइयों से इसका खुलासा हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि NCB की पटना यूनिट की ओर से मादक पदार्थों के खिलाफ लगातार कार्रवाई किए जाने के बाद भी इनकी तस्करी में कमी नहीं आ रही है। ऐसे में अब यूनिट में विशेष अभियान चलाने का निर्णय किया है।
इस तरह से हुआ मादक पदार्थों की तस्करी में इजाफा
NCB बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक कुमार मनीष ने बताया कि 2020 के बाद मादक पदार्थों का दुरुपयोग और तस्करी काफी मात्रा में बढ़ी है। उन्होंने बताया कि बिहार में साल 2015 में 12.3 किलो गांजा, 1.9 किलो अफीम और 2.02 किलो चरस जब्त की गई थी। उसके बाद 2016 में 496.5 किलो गांजा, 8.18 किलो अफीम और 31.5 किलो चरस जब्त की थी। इसी तरह 2017 में 14.8 टन गांजा, 5.45 किलो अफीम और 114.05 किलो चरस जब्त की गई।
2018 से अब तक यह रही है स्थिति
क्षेत्रीय निदेशक मनीष ने बताया कि 2018 में 6.4 टन गांजा, 5.5 किलो अफीम और 212.83 किलो चरस जब्त की गई थी। इसी तरह साल 2019 में 6.67 टन गांजा, 7.5 किलो अफीम और 33.3 किलो चरस और 2020 में बिहार में 4.89 टन गांजा, 15 किलो अफीम और 103.9 किलो चरस जब्त की गई। जबकि, 2021 में छह महीने में ही 4.82 टन गांजा, 5.25 किलो अफीम, 710 ग्राम मॉर्फिन और 48.8 किलो चरस जब्त की जा चुकी है।
मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी के पीछे यह माना जा रहा है कारण
क्षेत्रीय निदेशक मनीष ने बताया कि बिहार में मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी में इजाफा का सबसे बड़ा कारण बिहार में शराबंदी का होना है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 2016 में राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद शराब के आदि लोगों ने मादक पदार्थों का उपयोग करना शुरू कर दिया। ऐसे में मांग में इजाफा होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी में बड़े पैमाने पर शुरू हो गई।
मादम पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं कड़े कदम- क्षेत्रीय निदेशक
क्षेत्रीय निदेशक मनीष ने बताया कि बिहार और झारखंड से मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बढ़ती तस्करी को रोकने के लिए अब विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। उन्होंने आगे कहा कि 26 जून को मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की थीम 'ड्रग्स के प्रभाव बताएं, जीवन बचाएं' रखी गई है। इसके अनुसार लोगों को जागरूक किया जाएगा।
"मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में इनका भी मिल रहा सहयोग"
क्षेत्रीय निदेशक मनीष ने कहा, "मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में अन्य ड्रग्स कानून प्रवर्तन एजेंसी जैसे DRI, सीमा शुल्क और बिहार पुलिस भी NCB का सहयोग कर रही है। उनके द्वारा मिलने वाली खूफिया सूचनाओं पर कार्रवाई आसान हो जाती है।"
ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे हैं जागरुकता कार्यक्रम- क्षेत्रीय निदेशक
क्षेत्रीय निदेशक मनीष ने बताया कि इस साल बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्विक ग्रामीण स्वच्छ ऊर्जा सेवा कंपनी हस्क पावर सिस्टम्स द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें बिहार की कई प्रतिष्ठित हस्तियां, बॉलीवुड, भोजपुरी और क्षेत्रीय फिल्म और मनोरंजन उद्योग से जुड़े अभिनेता पंकज त्रिपाठी, संजय कुमार मिश्रा सहित अन्य लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो संदेश देकर लोगों को मादक पदार्थों से दूरी बनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।