सितंबर में भी कई राज्यों में बारिश, क्या देरी से होने लगी है मानसून की वापसी?
क्या है खबर?
सितंबर का लगभग आधा महीना होने को आया है, लेकिन अभी तक मानसून की वापसी के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।
कई राज्यों में अभी भी जोरदार बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पश्चिम भारत में अक्टूबर तक बारिश का दौर जारी रह सकता है।
पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि उत्तर भारतीय राज्यों से मानसून की वापसी का समय 1-2 हफ्ते तक बढ़ गया है।
आइए इसके पीछे की वजह समझते हैं।
समय
कितना बढ़ गया है मानसून की वापसी का समय?
मानसून की अवधि जून से अक्टूबर तक रहती है।
आमतौर पर उत्तर भारत में 1 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। लेकिन बीते कुछ सालों से वापसी में 7 से 14 दिन तक ज्यादा लग रहे हैं।
इससे मानसून की अवधि भी बढ़ गई है। यही वजह है कि पहसे भारतीय मौसम विभाग (IMD) राजस्थान से मानसून की वापसी की तारीख 1 सितंबर तय करता था, जिसे अब बढ़ाकर 17 सितंबर कर दिया गया है।
वजह
क्या है मानसून की वापसी में देरी की वजह?
वैज्ञानिकों को मानसून की वापसी में देरी की वजह अभी स्पष्ट पता नहीं है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि ये मानसून में हर दशक में होने वाले बदलाव का एक हिस्सा हो सकता है।
न्यूज18 से बात करते हुए वरिष्ठ IMD वैज्ञानिक डॉक्टर डीएस पई ने कहा, "जलवायु परिवर्तन भी वजह हो सकती है। वैश्विक तापमान बढ़ने से वायुमंडल की नमी धारण करने की क्षमता, अत्यधिक वर्षा की घटनाओं की आवृत्ति और उनकी तीव्रता बढ़ गई है।"
विशेषज्ञ
विशेषज्ञ और क्या वजह बता रहे हैं?
डॉक्टर पई ने कहा, "मानसून की वापसी में देरी उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में भूमि के उपयोग की तरीके में बदलाव के कारण भी हो सकता ही। खासकर राजस्थान में भूमि का एक बड़ा हिस्सा पहले रेगिस्तान या अर्ध-शुष्क हुआ करता था, लेकिन अब वह क्षेत्र कृषि के अंतर्गत है। इसलिए मिट्टी से अधिक नमी उपलब्ध है, जिसने मानसून के मौसम को लंबा करने में भूमिका निभाई होगी। यह एक तरह की प्रतिक्रिया प्रणाली है।"
कृषि पर क्या असर
बदलाव का कृषि पर क्या असर हो सकता है?
मानसून की अवधि बढ़ने से किसानों के लिए नई परेशानियां पैदा हो रही हैं।
इससे किसानों को अगली फसल के लिए तैयारी का वक्त कम मिल रहा है, जिसके चलते वे पराली जलाने जैसी हानिकारक उपाय का सहारा ले रहे हैं।
इसके अलावा सितंबर की शुरुआत में कटाई से पहले फसलों को पकने के लिए लगातार धूप की जरूरत होती है, लेकिन बारिश से इन फसलों को भी नुकसान हो रहा है।
बारिश
देश में अब तक कितनी बारिश हुई?
आमतौर पर 12 सितंबर तक देशभर में 772.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस साल अब तक 836.7 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 8 प्रतिशत ज्यादा है।
IMD ने 12 सितंबर को 12 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान जताया है। मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में 14 सितंबर तक बारिश जारी रहने की संभावना है।
राजस्थान में सामान्य से 59 प्रतिशत ज्यादा तो उत्तर प्रदेश में 15 प्रतिशत कम बारिश हुई है।