आंध्र प्रदेश: जेल में बंद चंद्रबाबू नायडू को बड़ा झटका, हाई कोर्ट ने रद्द की याचिका न्याय
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को शुक्रवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा। शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) घोटाला मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया। नायडू ने पिछले हफ्ते राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा दर्ज इस FIR को रद्द करने की याचिका दायर की थी। नायडू मामले में अभी जेल में बंद हैं।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में नायडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के भ्रष्टाचार निरोधक बोर्ड (ACB) कोर्ट के आदेश और FIR को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाया है। CID ने कोर्ट में तर्क दिया है कि अगले 4-5 दिनों में नायडू से पूछताछ करने से कथित घोटाले में और भी खुलासे हो सकते हैं। दूसरी ओर नायडू के वकील ने कहा कि 2021 में दायर आरोप पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम नहीं था।
ACB कोर्ट ने नायडू की बढ़ाई न्यायिक हिरासत
इस बीच ACB कोर्ट ने CID की याचिका पर पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की न्यायिक हिरासत 24 सितंबर तक बढ़ा दी है। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत समाप्त होने पर आज राजमुंदरी सेंट्रल जेल से न्यायाधीश के सामने पेश किया गया था। न्यायाधीश ने नायडू से पूछा कि न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें किसी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। इसके जवाब में नायडू ने कहा कि उन्हें जेल में रखकर मानसिक यातना दी जा रही है।
आंध्र प्रदेश विधानसभा में नायडू की गिरफ्तारी पर हंगामा जारी
पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की रिहाई की मांग पर TDP विधायकों के हंगामे के चलते शुक्रवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरे दिन भी विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू की गिरफ्तारी को लेकर नारेबाजी जारी रही। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम ने सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए TDP के 2 विधायकों को दिनभर के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
क्या है APSSDC घोटाला?
CID ने मार्च में तत्कालीन नायडू सरकार के दौरान स्थापित किए गए APSSDC में हुए 300 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच शुरू की थी। आरोप है कि निविदा प्रक्रिया मानकों का पालन किए बिना शुरू की गई थी और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी नहीं ली गई थी। मामले में 9 सिंतबर को राज्य CID ने चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ACB कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
नायडू पर क्या आरोप हैं?
CID ने आरोप लगाया है कि नायडू घोटाले के पीछे मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिन्होंने शेल कंपनियों के माध्यम से निजी संस्थाओं को सार्वजनिक धन के हस्तांतरण की योजना बनाई। CID ने कहा कि नायडू और TDP के अन्य नेताओं ने मिलकर सार्वजनिक धन को निजी संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया, जिसके कारण सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचा। जांच एजेंसी ने कहा कि नायडू ने पूरे घोटाले में सूत्रधार की भूमिका निभाई थी और उनसे पूछताछ करना जरूरी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
नायडू 3 बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1995 से 2004 तक 2 कार्यकाल के लिए अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद भी वह 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे थे। 2019 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी से हारने के बाद से चंद्रबाबू आंध्र प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।