
अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
क्या है खबर?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अयोध्या जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगा।
रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया।
बोर्ड का कहना है कि उसे पता है कि उसकी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद वो याचिका दायर करेगा।
बता दें कि 9 नवंबर को सुनाए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था।
बैठक
बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने जताई याचिका खारिज होने की आशंका
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही AIMPLB ने इसे लेकर असंतुष्टि जाहिर की थी और पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर फैसला लेने के लिए 17 नवंबर को बैठक बुलाई।
आज लखनऊ में हुई इस बैठक में सभी मुस्लिम पक्षकारों को बुलाया गया।
खबरों के अनुसार, बैठक में अधिकांश सदस्यों ने पुनर्विचार याचिका खारिज होने की आशंका जताई लेकिन एक सिद्धांत के तौर पर याचिका दायर करने का फैसला लिया गया।
बयान
जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख बोले, पुनर्विचार याचिका दायर करना हमारा हक
बैठक से बाहर निकलने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख अरशद मदनी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी, लेकिन फिर भी हमें मस्जिद नहीं दी गई। इसलिए हम पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे और जो हमारा हक है वो मांगेंगे।"
उन्होंने कहा, "ये जानने के बावजूद कि हमारी पुनर्विचार याचिका 100 प्रतिशत खारिज हो जाएगी, हम याचिका दायर करेंगे। ये हमारा अधिकार है।"
बहिष्कार
मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने किया बैठक का बहिष्कार
बता दें कि अयोध्या विवाद में एक मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने AIMPLB की इस बैठक का बहिष्कार किया था।
उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद का ये मसला बहुत हो गया और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ इसे यहीं खत्म कर देना चाहिए।
अंसारी ने कहा कि फैसले से पहले सबने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे और अब सभी पक्षों को इसे स्वीकार करना चाहिए।
जानकारी
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड भी नहीं दायर करेगा पुनर्विचार याचिका
इससे पहले मामले में सबसे अहम मुस्लिम पक्षकार उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा था कि वो मामले में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा।
अयोध्या विवाद फैसला
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
बता दें कि 9 नवंबर को CJI गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने अयोध्या विवाद में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था।
वहीं यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन दी जाएगी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन-चार महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने को कहा है।
जानकारी
जमीन स्वीकार करने पर 26 नवंबर को फैसला लेगा सुन्नी वक्फ बोर्ड
मस्जिद के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन स्वीकार करनी है या नहीं, इसे लेकर यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। बोर्ड ने इस पर फैसला करने के लिए 26 नवंबर को बैठक बुलाई है।